एसजेवीएन के प्रबंध निदेशक ने वर्चुअल माध्यम से 1320 मेगावाट बक्सर ताप विद्युत संयंत्र की दूसरी इकाई के कार्यों का किया शुभारंभ
बीएसएनके न्यूज / देहरादून डेस्क। एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, नन्द लाल शर्मा ने वर्चुअल माध्यम से (2 x 660) 1320 मेगावाट के बक्सर ताप विद्युत संयंत्र की दूसरी इकाई के कार्यों का शुभारंभ किया । इस अवसर पर परियोजना स्थल पर निदेशक(विद्युत), सुशील कुमार शर्मा तथा एसजेवीएन थर्मल प्रा. लिमिटेड (एसटीपीएल) के सीईओ संजीव सूद अन्य वरिष्ठ अधिकारियों सहित उपस्थित रहे।
इस अवसर पर नन्द लाल शर्मा ने कहा कि भारत के माननीय प्रधान मंत्री, नरेंद्र मोदी द्वारा 1320 मेगावाट के बक्सर थर्मल पावर प्लांट की आधारशिला दिनांक 9 मार्च 2019 को रखी गई। शर्मा ने यह भी बताया कि केंद्रीय विद्युत तथा एनआरई मंत्री आर. के. सिंह द्वारा परियोजना प्रगति की निरंतर मॉनीटरिंग की जा रही है। उन्होंने सभी हितधारकों को निर्धारित समय सीमा से पहले परियोजना को कमीशन करने के लिए उत्साहपूर्वक कड़ी मेहनत करने का आह्वान किया।
उन्होंने आगे अवगत करवाया कि इस संयंत्र में दो इकाइयाँ है तथा पहली इकाई पर 50 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा कर लिया गया है । अल्ट्रा सूपर क्रिटिकल प्रौद्योगिकी के साथ 1320 मेगावाट (2×660 मेगावाट) के बक्सर थर्मल विद्युत संयंत्र को एसजेवीएन थर्मल प्रा. लि. (एसजेवीएन लिमिटेड की एक पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्थ कंपनी) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
संयंत्र में लगभग 11,000 करोड़ रुपए का निवेश शामिल है। कमीशन होने पर संयंत्र 9828 मिलियन यूनिट का विद्युत उत्पादन करेगा। उन्होंने भारत के माननीय प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित ‘’24×7 पॉवर टू ऑल’’ के लक्ष्य में योगदान करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि संयंत्र के साथ संबद्ध प्रत्येक व्यक्ति को संयंत्र की प्रथम ईकाई की जून, 2023 तथा द्वितीय इकाई की जनवरी,2024 तक कमीशनिंग की दिशा में सामंजस्यपूर्ण कार्य करना है।
एसजेवीएन की वर्तमान स्थापित क्षमता 2016.51 मेगावाट है तथा इस समय कंपनी का पोर्टफोलियो 11000 मेगावाट से अधिक है तथा वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 12000 मेगावाट एवं 2040 तक 25000 मेगावाट विद्युत उत्पादन करने के लिए प्रतिबद्ध है ।
एसजेवीएन ने ऊर्जा उत्पादन के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज की है, जिसमें जलविद्युत, पवन, सौर तथा ताप विद्युत शामिल हैं। कंपनी की ऊर्जा ट्रांसमिशन के क्षेत्र में भी मौजूदगी है।