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पर्यटन और तीर्थाटन के क्षेत्र में आदिबदरी नया नाम नहीं है

Dehradun: पर्यटन और तीर्थाटन के क्षेत्र में आदिबदरी नया नाम नहीं है। यहां वर्ष में 11 माह मंदिर के कपाट खुले रहते हैं। हालांकि चारधाम यात्रा की तरह यहां लाखों श्रद्धालु तो नहीं पहुंचते लेकिन साल में हजारों श्रद्धालु जरूर दर्शन करने आते हैं। इस बार यदि आप चारधाम यात्रा करने की योजना बना रहे हैं तो आदिबदरी के दर्शन करने भी आ सकते हैं।

आदिबदरी 16 मंदिरों का समूह है। जिसमें 14 मंदिर अपनी पूर्व स्थिति में हैं, जबकि दो मंदिर भग्नावशेष हैं। मुख्य मंदिर में भगवान आदिबदरीनाथ जी की बहुत ही सुंदर नयनाभिराम प्रतिमा है। जहां भगवान आदिबदरीनाथ वरद मुद्रा में विराजमान हैं। यह मुद्रा ऋद्धि प्रदायक मानी जाती है। आदिबदरीनाथ जी के वक्ष पर लक्ष्मी जी का प्रतीक श्रीवत्स अंकित है। इस मूर्ति के बाहर 79 उपमूर्तियां उत्कीर्ण हैं।

Char Dham Yatra 2024 visit Adi Badari devotees reach here every 12 months Chamoli Uttarakhand News

पहले ठीक ऊपर नवग्रह पंक्ति है और दायीं और बायीं ओर विष्णु और शिव-पार्वती आसीन हैं। जबकि परिसर में काली मंदिर, शिव मंदिर, राम लक्ष्मण सीता मंदिर, हनुमान, गौरीशंकर, गणेश, विष्णु, गरुण, अन्नपूर्णा, चक्रभान, लक्ष्मीनारायण, सत्यनारायण, कुबेर, जानकी माता के मंदिर हैं।

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पुजारी चक्रधर थपलियाल बताते हैं कि यह गढ़वाल मंडल का सबसे बड़ा मंदिर समूह है।
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मंदिर समिति के अध्यक्ष जगदीश बहुगुणा ने बताया कि इस बार यात्रा काल में रिकाॅर्ड तीर्थयात्रियों के पहुंचने की संभावना है। तीर्थयात्रियों को यहां पर नये होटल, होम स्टे खुलने के कारण रहने और खाने क अच्छी सुविधा उपलब्ध होगी। साथ ही पेयजल व सुलभ शौचालय की भी यात्रियों को अच्छी सुविधा मिलेगी।
Char Dham Yatra 2024 visit Adi Badari devotees reach here every 12 months Chamoli Uttarakhand Newsदिल्ली से ट्रेन के जरिये ऋषिकेश पहुंचा सकता है। वहीं ऋषिकेश से बस के जरिये कर्णप्रयाग होते हुए आदिबदरी पहुंच सकते हैं। यह मंदिर समूह कर्णप्रयाग से महज 20 किमी की दूरी पर है। जबकि कुमाऊं से गैरसैंण होते हुए भी यहां पहुंचा जा सकता है। यह मंदिर गैरसैंण से महज 30 किमी दूर कर्णप्रयाग की ओर नैनीताल हाईवे पर स्थित है।

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