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पुलिस के साथ ‘मजाक’, प्रैंक के लिए डीजीपी का बना दिया twitter अकाउंट

डीजीपी अशोक कुमार के नाम से twitter अकाउंट किसी साइबर अपराधी ने नहीं, बल्कि किशोर ने मजाक के लिए बनाया था। 10 दिन की मेहनत के बाद एसटीएफ और साइबर थाना पुलिस गाजियाबाद स्थित उसके घर तक पहुंच गई, मगर जांच में अपराध की मंशा नहीं दिखी तो समझाकर छोड़ दिया गया।

एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि पुलिस मुख्यालय के मीडिया सेल के दरोगा मुकेश चंद ने तहरीर देकर बताया था कि ट्विटर पर डीजीपी अशोक कुमार का फर्जी अकाउंट बनाकर वास्तविक ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट की प्रतिलिपि बनाकर कोई पोस्ट कर रहा है।

मामले में एसटीएफ ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी। पता चला कि जो अकाउंट बनाया हुआ है, उसमें मोबाइल नंबर भी जोड़ा गया है। इस नंबर की जांच और लोकेशन निकालते हुए एसटीएफ गाजियाबाद तक पहुंच गई। यहां पता चला कि यह अकाउंट 17 साल के किशोर ने बनाया था।

किशोर ने बताया कि बीते दिनों दोस्त के घर पर मारपीट हुई थी। इसके लिए उसने ट्विटर पर सर्च किया तो डीजीपी उत्तराखंड का नाम दिखा। इसके बाद उसने इसी तरह का अकाउंट बनाकर यूपी पुलिस को टैग किया था, ताकि मामले में कार्रवाई हो सके।

पुलिस को बताया कि यह सब उसने प्रैंक के लिए किया था। एसएसपी सिंह ने बताया कि शुरुआती जांच में उसकी अपराध की मंशा नजर नहीं आई। ऐसे में उसे और उसके परिजनों को साइबर क्राइम के बारे में जानकारी दी गई। डीजीपी के निर्देशानुसार किशोर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

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