ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण के लिये निमंत्रण,व्यवस्था के नाम पर अव्यवस्था
बीएसएनके न्यूज संवाददाता/ देहरादून डेस्क । उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रशिक्षण के लिए बुलाएं गए उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में उत्तराखंड के पंचायत प्रतिनिधियों को वीर शिरोमणिमाधो सिंह भंडारी किसान भवन में आज सरकार द्वारा खाने, पीने, रहने की समुचित व्यवस्था न करने पर सभी जनप्रतिनिधियों का गुस्सा चरम पर है।
रात के ठंड में बाहर गुजार रहे हैं उत्तराखंड के सभी पंचायत जनप्रतिनिधि का आरोप है कि सरकार ने उन्हें वीर शिरोमणि माधो सिंह भंडारी किसान भवन देहरादून में बुलाया है।
जहां पर सरकार ने उनके खाने पीने रहने की उचित व्यवस्था नहीं की है, यहां तक की बासी भोजन परोसा जा रहा है। ठंड से बचने के लिए कहीं भी रजाई कंबल की व्यवस्था नहीं है । जिससे रात सड़क पर ही गुजारने जैसे हालात हो गये थे ।
वीर शिरोमणि माधोसिंह भंडारी किसान भवन में नारायणबगड़ विकास खंड के पंचायत प्रतिनिधियों के लिए की गई खराब व्यवस्था पर रात बारह बजे तक चले हंगामे के बाद आनंदा होटल में उनके रहने व खाने की व्यवस्था की गई। देर रात करीब एक बजे पंचायत प्रतिनिधियों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई। जिसके बाद पंचायत प्रतिनिधियों का आक्रोश शांत हुआ।
इससे पहले किसान भवन में प्रधान संगठन नारायणबगड़ के अध्यक्ष एवं भाजपा युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष चमोली देवेन्द्र सिंह नेगी ने पहुंच कर पंचायत प्रतिनिधियों का सहयोग कर उनकी व्यवस्था आनंदा होटल में कराई।
सोमवार सुबह से लोक योजना अभियान, सबकी योजना,सबका विकास के अंतर्गत पंचायत प्रतिनिधियों की राज्य स्तरीय अभिमुखीकरण कार्यशाला का आयोजन महाराणा प्रताप स्पोटर्स कालेज रायपुर में होना था। जिसके लिए राज्य भर के पंचायत प्रतिनिधियों ने रविवार को देहरादून के लिए कूच किया था।
रीना रावत- उपाध्यक्ष प्रधान संगठन नारायणबगड़
इसी के तहत जनपद चमोली के विकास खंड नारायणबगड़ के पंचायत प्रतिनिधियों की रहने व खाने की व्यवस्था वीर शिरोमणि माधोसिंह भंडारी किसान भवन जोगीवाला में की गई थी, इनमें महिला पंचायत प्रतिनिधियों के छोटे-छोटे बच्चे भी साथ थे।
किशोर मनोडी- सचिव प्रधान संगठन नारायणबगड़
देर शाम जब पंचायत प्रतिनिधि किसान भवन में पहुंचे तो प्रतिनिधियों ने बासी और ठंडा लंच पैक का विरोध किया और यही नहीं वहां पर व्यवस्थापकों ने बिस्तर भी बाहर रखे हुए थे और पंचायत प्रतिनिधियों को बाहर से उठाकर कमरों में ढो कर लें जाने का आदेश दनदना दिया। जिस कारण पंचायत प्रतिनिधि और भी क्षुब्ध होकर किसान भवन से बाहर सड़क पर आ उतरे और खराब व्यवस्था का विरोध करने लगे।
किसी तरह रात के बारह बजे उनकी व्यवस्था आनंदा होटल में की गई। आनंदा होटल में सुबह पंचायत प्रतिनिधियों ने रात ठहरने और खाने का बिल खुद चुकाया है जबकि यह सारी व्यवस्था राज्य सरकार की ओर से की जानी थी। इस घटना से पंचायत प्रतिनिधियों में खासा आक्रोश बना हुआ है।