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दस वर्षों में दस इंच भी नही बनी सड़क,आक्रोशित ग्रामीणों ने विधानसभा चुनाव बहिष्कार की दी चेतावनी

स्थानीय संपादक / थराली,चमोली। दस वर्षों में दस इंच भी सड़क नहीं बन पाने के चलते सोल क्षेत्र के आक्रोशित ग्रामीणों ने लोक निर्माण विभाग को ज्ञापन देकर आंदोलन और चुनाव में मतदान बहिष्कार करने की चेतावनी दी है।

ऐन विधानसभा चुनावों के दौरान आये दिन चारों ओर से लोग सड़कों के लिए मुखर होकर आवाज उठा रहे हैं और यहां तक कि चुनाव में मतदान नहीं करने की भी चेतावनी दे रहे हैं। इससे कहीं न कहीं सरकार के सड़कों के जाल बिछाने के दावे भी हवा हवाई साबित हो रहे हैं।

ताज़ा मामला थराली विधानसभा के सोल पट्टी और घाट विकास खंड को जोड़ने वाली सड़क निर्माण को लेकर है जिसपर सड़क निर्माण की स्वीकृति के बाबजूद आजतक भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है।

आज सोल पट्टी के जनप्रतिनिधि और ग्रामीणों ने लोक निर्माण विभाग के कार्यालय में आकर रुईसाण-तेलाण-सुपताल-घाट मोटर मार्ग पर शीघ्रता से कार्य प्रारंभ करने संबंधी ज्ञापन अधिशासी अभियंता को सौंपते हुए कहा कि यदि उक्त मोटर मार्ग पर जल्दी कार्य शुरू नहीं किया जाता है तो वे आंदोलन के साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव में मतदान नहीं करेंगे। ग्रामीणों ने बताया कि वे पहले भी बहुत बार इस सड़क के लिए आंदोलन और भूख-हड़ताल कर चुके हैं।

जिसके बाद इस सड़क के लिए वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई थी और पिछले विधानसभा उप चुनाव के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी उनके गांव में आमसभा में इस सड़क को एक साल के अंतर्गत पूरा बनाये जाने का आश्वासन दिया था ।

परंतु वह घोषणा सिर्फ चुनावी घोषणा साबित हो कर रह गई है। जबकि इस सड़क की मांग 70 के दशक से ही की जा रही है। सैकड़ों बार घाट और पिंडर क्षेत्र के लोगों ने इस सड़क को बनाए जाने की मांग को लेकर आंदोलन किए हैं। परंतु आज भी सड़क सोल पट्टी के डंग्री व रुईसाण गांव तक ही पहुंच पाई है।

बताते चलें कि उक्त मोटर मार्ग विकास खंड थराली और विकास खंड घाट के ऊपरी क्षेत्रों के दर्जनों गांवों को जोड़ने के साथ ही सुपताल,झलताल जैसे पर्यटक स्थलों को भी जोड़ेगा और घाट और पिंडर घाटी की दूरी भी बहुत कम हो जायेगी।

गौरतलब है कि अभी पिंडर घाटी के लोगों को विकास खंड घाट जाने के लिए तीन विधानसभा क्षेत्रों को पार करते हुए आवागमन करना पड़ता है जो कि काफी खर्चीला और दिनभर की थकानभरी यात्रा साबित होती है।

ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में ही रुईसाण-तेलाण-सुपताल-घाट मोटर मार्ग पर वित्तीय स्वीकृति भी मिल गई है परंतु लोक निर्माण विभाग की लचर कार्यप्रणाली के चलते अभी तक कोई कार्य शुरू नहीं किया जा रहा है।

बताया कि उनके क्षेत्र में मोटर मार्ग सिर्फ रुईसाण तक ही बना हुआ है और वहां से आगे जाने के लिए घोड़े खच्चरों से आवश्यक सामग्रियों को लाने व ले जाने के लिए महंगा भाड़ा देना पड़ता है और पैदल आवाजाही के कारण यहां पर लगातार जंगली हिंसक जानवरों का भय हमेशा बना रहता है।

बताते चलें कि अभी हाल के दिनों में ही यहां के सात-आठ लोगों को भालुओं ने हमला कर बुरी तरह घायल भी किए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि यहां सड़क बन जाती तो मोटर वाहनों के आने जाने के कारण जंगली जानवर आबादी और रास्तों के क्षेत्रों में नहीं आ पाते।

अब जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने आज दिए ज्ञापन में आंदोलन व मतदान बहिष्कार की चेतावनी दी है तो देखना होगा कि लोक निर्माण विभाग आगे इसमें क्या कार्रवाई शुरू करता है।

ज्ञापन देने वालों में मोहनसिंह रावत सोलवासी, क्षेत्र पंचायत सदस्य दिगंबर देवराडी,चरणसिंह रावत,सुबेo कैलाश रावत,सुबेo हरीश राम सोनियाल, दिगपाल सिंह राणा,जसपाल राम, पप्पू सोनियाल, राजेन्द्र राम, खिलापराम,केदार देवराडी, बीरेंद्र सिंह आदि सामिल रहे।

रिपोर्ट—- सुरेन्द्र धनेत्रा।

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