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उत्तराखंड में शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ मतदान,10 मार्च को होगा प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला

बीएसएनके न्यूज डेस्क। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022  के लिए कल मतदान पूरा हो चुका है। प्रदेश की 70 विधानसभा सीटों पर 632 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला 82 लाख से ज्यादा मतदाताओं ने किया है। प्रत्याशियों की किस्मत अब ईवीएम में कैद हो चुकी है। हालांकि इस बार 11697 मतदान केंद्रों पर मतदान संपन्न हुआ है।

राज्य में कुल 62.5% मतदान हुआ है। हालांकि यह पिछले बार के मतदान फीसदी से कम है। उत्तराखंड में इस बार सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच मुख्य मुकाबला माना जा रहा है। हालांकि राजनीतिक विश्लेषक भाजपा और कांग्रेस के बीच ही मुख्य मुकाबला देख रहे हैं। कल जिस तरीके का मतदान हुआ है, उसके अलग-अलग मायने भी बताए जा रहे हैं।

उत्तराखंड की 70 विधानसभा सीटों पर एक चरण में ही कल मतदान संपन्न हो गया। यह उत्तराखंड का पांचवा चुनाव है, इसके पहले 4 चुनाव संपन्न हो चुके हैं। इस बार चुनाव में कई दिग्गज प्रत्याशियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है, जिनमें वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, सतपाल महाराज, सुबोध उनियाल, अरविंद पांडे, धन सिंह रावत और रिचा खंडूरी की किस्मत ईवीएम में बंद हो चुकी है। अब 10 मार्च के दिन ईवीएम खुलने के बाद इन दिग्गज प्रत्याशियों की किस्मत का ताला खुलेगा।

2017 के मुकाबले कम हुए मतदान के मायने

2017 विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड के 70 विधानसभा सीटों पर 65 फ़ीसदी मतदान हुआ था, जिसमें भारतीय जनता पार्टी को सबसे ज्यादा 58 सीटों पर जीत मिली थी। 5 साल के कार्यकाल के दौरान उत्तराखंड को तीन मुख्यमंत्री मिले। हालांकि इस बार पूरा अनुमान लगाया जा रहा है कि कांग्रेस को सत्ता मिल सकती है।

क्योंकि उत्तराखंड में अब तक हुए 4 चुनाव में दो बार भारतीय जनता पार्टी और दो बार कांग्रेस को सत्ता मिली है। यहां 5 साल के अंतराल पर सत्ता बदलती रही है लेकिन इस बार समीकरण दूसरे हैं। जहां भाजपा वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा कराए गए विकास कार्यों को देखते हुए सत्ता में वापसी की उम्मीद लगा रही है। वहीं दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी के चुनाव में उतरने से भाजपा और कांग्रेस को नुकसान भी हो रहा है।

 

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