उत्तराखण्डः RTO में 16 हजार गाड़ियों की नीलामी
उत्तराखण्ड के RTO दफ्तरों और पुलिस थानों में सीज हुई 16 हजार से ज्यादा गाड़ियां अब नीलाम होंगी। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने इसकी नीलामी प्रक्रिया के लिए पुलिस विभाग को एसओपी तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इनमें से जो वाहन नीलाम हो सकते हैं, उन्हें परिवहन विभाग और पुलिस अपने स्तर से पहले चरण में नीलाम करेंगे।
मुख्य सचिव डॉ. संधू ने पुलिस और परिवहन विभाग की संयुक्त बैठक ली। बैठक में उन्होंने कहा कि प्रदेश में करीब 16 हजार गाड़ियां ऐसी हैं जो कि लंबे समय से सीज हैं और पुलिस थानों और परिवहन कार्यालयों के परिसरों में इनकी भीड़ बढ़ती जा रही है।
कबाड़ हो रही इन गाड़ियों में करीब 1304 गाड़ियां तो अलग-अलग RTO के माध्यम से सीज हुई हैं जबकि करीब 14,500 गाड़ियां पुलिस के माध्यम से विभिन्न मामलों में सीज हुई हैं। अभी भी रोजाना 50 से 60 वाहन पुलिस और 30 से 40 वाहन परिवहन विभाग के माध्यम से सीज होते हैं।
टैक्स जमा कराने के नियम
टैक्स जमा न करने वाले वाहन अगर सीज होते हैं तो उनके मालिकों को टैक्स जमा कराने के लिए 90 दिन का समय दिया जाता है। इसके बाद उन्हें दो नोटिस जारी किए जाते हैं। फिर भी टैक्स जमा नहीं करते तो उसकी नीलामी का प्रस्ताव शुरू हो जाता है। परिवहन मुख्यालय 21 दिन के भीतर नीलामी की प्रक्रिया पूरी कर देता है।
गाड़ियों की नीलामी में पेच फंसा
पुलिस की ज्यादातर गाड़ियों की नीलामी में पेच फंसा हुआ है। दरअसल, पुलिस के तमाम वाहन ऐसे सीज होते हैं जो कि विभिन्न अपराधों का हिस्सा होती हैं। यह वाहन बतौर केस प्रॉपर्टी भी रखने पड़ते हैं। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने निर्देश दिए हैं कि जिन वाहनों का कोर्ट केस चल रहा है, उनके निपटारे के लिए विशेष तौर पर एसओपी तैयार की जाए।