तेजिंदर पाल सिंह बग्गा की गिरफ्तारी का मामला गरमाया, तीन राज्यों की पुलिस आई आमने-सामने
भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव व हरि नगर विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी रहे तेजिंदर पाल सिंह बग्गा की गिरफ्तारी पर पंजाब, हरियाणा व दिल्ली पुलिस आमने-सामने आ चुकी है। शुक्रवार सुबह पंजाब से आए 50 पुलिसकर्मियों ने बग्गा को उनके जनकपुरी स्थित आवास से गिरफ्तार किया और पंजाब के लिए रवाना हो गए। इस दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता सक्रिय हुए और तुरंत बग्गा के पिता प्रीतपाल के साथ जनकपुरी थाने पहुंचे। थाने में दिल्ली पुलिस के पीआरओ चिन्मय बिस्सवाल के समक्ष बग्गा के अपहरण का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया
दिल्ली पुलिस ने पंजाब पुलिस के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज कर लिया, साथ ही हरियाणा पुलिस को इस बात की जानकारी दी। जानकारी के मुताबिक पंजाब पुलिस के काफिले को कुरुक्षेत्र में हरियाणा पुलिस ने राेक लिया है। इधर, मामला दर्ज करने के बाद दिल्ली पुलिस कुरुक्षेत्र के लिए रवाना हो चुकी है। एक शख्स की गिरफ्तारी के बाद तीन राज्यों की पुलिस के आमने सामने होनी की प्राय: यह पहली घटना है।
बग्गा के पिता ने आरोप लगाया है कि पंजाब पुलिस ने बग्गा को पगड़ी तक पहनने की अनुमति नहीं दी, साथ ही वीडियो बनाने के दौरान उनके साथ मारपीट की गई। जब उन्होंने शोर मचाने की कोशिश तो उनके मुंह में कपड़ा ठूंस दिया गया। इधर, बग्गा की गिरफ्तारी के बाद सियासी तामपान काफी चढ़ गया है। ट्विटर से लेकर जनकपुरी थाने पर भाजपा कार्यकर्ता विरोध जता रहे हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोटने जैसा है। कोई भी व्यक्ति विरोध दर्ज करा सकता है। ऐसे में अगर इस तरह की कार्यवाही होती है तो यह लोकतंत्र के साथ नाइंसाफी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का यह हिटलरशाही रवैया है।
दिल्ली पुलिस को पंजाब पुलिस ने बताया था कि तेजिंदर पाल सिंह बग्गा के खिलाफ 153-ए (धर्म, जाति, स्थान आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 505 (बयान, अफवाह या रिपोर्ट प्रकाशित या प्रसारित करना) और 506 (आपराधिक धमकी) जैसी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। तेजिंदर पाल सिंह बग्गा पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया और समाज को धर्म और जाति के आधार पर बांटने की कोशिश की।