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कोरोना को लेकर सरकार अलर्ट

Dehradun: कोविड संक्रमण नहीं थमा तो 22 अप्रैल से शुरू हो रही चारधाम यात्रा के लिए केंद्र व राज्य सरकार के दिशानिर्देशों पर अलग से एसओपी जारी की जाएगी। देश के जिन राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, वहीं से सबसे अधिक श्रद्धालु चारधाम यात्रा में आते हैं। ऐसे में सरकार के सामने यात्रा के दौरान संक्रमण रोकथाम की चुनौती रहेगी।

चारधाम यात्रा के लिए अब मात्र दो सप्ताह का समय बाकी है। लेकिन केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडू, दिल्ली, कर्नाटक, हरियाणा में संक्रमण की दर बढ़ रही है। ऐसे में प्रदेश सरकार भी कोरोना संक्रमण को देखते हुए अलर्ट हो गई है। हालांकि प्रदेश में अभी तक संक्रमण पूरी तरह से नियंत्रण में है। लेकिन चारधाम यात्रा में संक्रमण प्रभावित राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं से संक्रमण का प्रसार बढ़ सकता है।

सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार कहना है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की सामान्य स्थिति है। लेकिन कई राज्यों में संक्रमित मामले बढ़ने से सभी सीएमओ को निगरानी व सैंपल जांच बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। चारधाम यात्रा के दौरान संक्रमण की क्या स्थिति रहती है। उसे देखते हुए रोकथाम व बचाव के लिए दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे।

केदारनाथ धाम में इस बार श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की ओर से अस्थायी तौर पर मंदिर परिसर में बैरिकेट्स लगाए जाएंगे। इसके अलावा मंदिर के चारों तरफ से एक सीमित दूरी पर पीतल से बनीं रेलिंग लगाई जाएगी।

25 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खुल रहे हैं। पिछले साल 6 मई को केदारनाथ धाम में कपाट खुले थे। पहले दिन भी 20 से अधिक श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे थे। केदारनाथ मंदिर का परिसर काफी बड़ा है। अभी तक इसमें कहीं भी दर्शन के लिए बैरिकेट्स की व्यवस्था नहीं है। भीड़ बढ़ने पर श्रद्धालु जूते पहनकर ही मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार तक पहुंच जाते हैं।बीते वर्ष की यात्रा से अनुभव लेकर इस बार बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति परिसर में अस्थायी तौर पर बैरिकेट्स लगाएगा। साथ ही मंदिर के चारों तरफ परिक्रमा के लिए एक सीमित दूरी पर रेलिंग लगाने की तैयारी है। बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि समिति का प्रयास है कि देश दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं को दर्शन करने में किसी तरह की परेशानी न हो। परिसर में अस्थायी तौर पर बैरिकेटिंग की जाएगी। साथ ही मंदिर समिति बेहतर व्यवस्थाएं बनाने में जुटी है।

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