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उत्तराखंड में पेड़ों के अवैध कटान पर हाईकोर्ट सख्त

Dehradun: कालाढूंगी से बाजपुर के बीच किए जा रहे पेड़ों के अवैध कटान मामले में हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने सरकार का जवाब तलब किया है। कोर्ट ने कहा कि ग्रामीण रोजाना साइकिल पर दो-दो क्विंटल लकड़ी लादकर ले जा रहे हैं। खाना बनाने के लिए प्रत्येक दिन कितनी लकड़ी की जरूरत होती है। सरकार को इस एक सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के निर्देश दिए गए हैं। अगली सुनवाई 9 नवंबर को होगी।

स्वतः संज्ञान लिए जाने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ के समक्ष हुई। न्यायमूर्ति ने दिल्ली जाते वक्त इस मामले का स्वतः संज्ञान लिया था। वास्तविक स्थिति को जानने के लिए संबंधित क्षेत्र के डीएफओ और अन्य अधिकारियों को कोर्ट में तलब किया था।डीएफओ तराई हिमांशु बागरी, डीएफओ तराई प्रकाश आर्य, लक्ष्मण मरतोलिया रेंजर बन्नाखेड़ा बृहस्पतिवार को हाईकोर्ट में पेश हुए। डीएफओ की ओर से जो रिकॉर्ड पेश किया गया उससे कोर्ट संतुष्ट नहीं हुई। रजिस्टर में जो चालान दर्ज किए गए थे वे एक पैन और एक ही व्यक्ति के थे। कोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद वशिष्ठ और हर्षपाल सेखो को न्यायमित्र नियुक्त किया है। कोर्ट ने कहा कि उस क्षेत्र में हर घर के सामने कई क्विंटल लकड़ियां जमा कर रखी है। क्या यह वनों का विदोहन नहीं है।

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