News Portal

‘कानूनी कार्रवाई के लिए किशोर की आयु सीमा 14 साल की जाए’; अजित पवार केंद्र सरकार को लिखेंगे पत्र

महाराष्ट्र : महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने बृहस्पतिवार को कहा कि आपराधिक मामलों में किशोर को परिभाषित करने की मौजूदा कानूनी आयु सीमा 18 से घटाकर 14 साल की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ चर्चा करेंगे। पवार पुणे जिले के बारामती में पत्रकारों से बात कर रहे थे, जो उनका विधानसभा क्षेत्र भी है।

पवार ने हाल की आपराधिक घटनाओं के दिए उदाहरण
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता ने कहा कि हाल ही में बारामती में कथित तौर पर एक दोस्त की हत्या करने वाले दो कॉलेज छात्र 17 साल के थे। उन्होंने कहा कि मौजूदा आपराधिक कानून के तहत कड़ी सजा तभी दी जा सकती है, जब आरोपी 18 साल के ऊपर हो। उन्होंने आगे कहा, संयोग से इस साल मई में पुणे कार चलाते समय दो लोगों को कुचलने वाले की उम्र की भी 17 साल थी, जो एक बिल्डर का बेटा था।

‘आज के बच्चे ऐसे सवाल पूछते हैं…..’
उप मुख्यमंत्री ने कहा, पहले 18 से 20 वर्ष के आयु वर्ग को वयस्कता तय करने के लिए उचित माना जाता था। लेकिन अब समय बदल गया है। आज के बच्चे कहीं अधिक जागरूक हैं। छोटे बच्चे अब ऐसे सवाल पूछते हैं, जिनके बारे में हम पांचवीं कक्षा के बाद तक भी सोच नहीं सकते थे। कुछ अधिकारियों भी मानते हैं कि आयु सीमा 18 से घटाकर 14 की जानी चाहिए।

‘आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो रहे 15-17 आयु के युवा’
उन्होंने कहा, 17 साल के बच्चे अच्छे तरह जानते हैं कि वे अपराध करने के बाद (अपनी आयु के कारण)  सख्त सजा से बच सकते हैं। यह भी देखा गया है कि 15, 16, 17 साल के युवा तेजी से आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं। नए कानूनों का मसौदा तैयार होने पर हमें इस चिंता के बारे में केंद्र को बताना होगा। पवार ने कहा कि इस मुद्दे पर अगली मुलाकात में गृह मंत्री शाह से चर्चा करने की उनकी योजना है। उन्होंने कहा कि वह इसको लेकर केंद्र को एक औपचारिक पत्र भी लिखेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से भी इस मु्द्दे पर चर्चा करेंगे।

Leave A Reply

Your email address will not be published.