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मुख्यमंत्री धामी ने एक बार फिर दोहराया उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता जल्द लागू की जाएगी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बार फिर दोहराया कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता जल्द लागू की जाएगी। इसका ड्राफ्ट बनाने के लिए एक समिति का गठन किया जा रहा है। इसमें विषय विशेषज्ञों को भी शामिल किया जाएगा। वहीं उत्तराखंड पुलिस की ओर से प्रदेश में सत्यापन अभियान के तहत अब तक 61418 व्यक्तियों का भौतिक सत्यापन किया जा चुका है। इनमें से 2424 व्यक्ति संदिग्ध पाए गए हैं।

चुनाव के दौरान की थी समान नागरिक संहिता लागू करने की घोषणा

शनिवार को नई दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने समान नागरिक संहिता को लागू करने की बात कही। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चुनाव के दौरान प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने की घोषणा की थी। परिणाम आने के बाद भी उन्होंने इस बात को दोहराया था।

पहली बैठक में सरकार ने लगाई मुहर

मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद कैबिनेट की पहली बैठक में सरकार ने समान नागरिक संहिता बनाने पर मुहर लगाई। इस दौरान कहा गया कि इस समिति में न्यायविदों, सेवानिवृत्त न्यायाधीशों, समाज के प्रबुद्धजनों और अन्य हितधारकों को शामिल किया जाएगा। यह समिति उत्तराखंड के लिये समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करेगी।

नागरिकों के सत्यापन का अभियान भी चलाया जा रहा

शासन ने इसके लिए गृह विभाग को नोडल विभाग नामित किया है। अब गृह विभाग इस समिति में शामिल होने वाले व्यक्तियों का चयन करेगी। समिति में शामिल किए जाने वाले व्यक्तियों को चिह्नित करने के लिए इस समय कसरत भी चल रही है। वहीं, प्रदेश की संस्कृति एवं शांतिपूर्ण वातावरण को बनाए रखने के लिये व्यापक स्तर पर नागरिकों के सत्यापन का अभियान भी चलाया जा रहा है।

उत्तराखंड में 2424 पाए गए संदिग्ध

पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि चारधाम यात्रा एवं कानून व्यवस्था के मद्देनजर बीते 10 वर्षों से उत्तराखंड में कार्यरत एवं निवास कर रहे और रेहड़ी, ठेली व किरायेदारों का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। अभियान 21 अप्रैल से शुरू किया गया था।

अभियान के तहत अब तक कुल 61418 व्यक्तियों का भौतिक सत्यापन किया जा चुका है। सत्यापन के दौरान प्रकाश में आए कुल 2424 संदिग्ध व्यक्तियों में से सात व्यक्तियों को गिरफ्तार और अन्य के खिलाफ पुलिस एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई की गई है।

उन्होंने बताया कि संदिग्ध पाए गए सभी व्यक्तियों का इतिहास खंगाला जा रहा है। सभी जिला प्रभारियों को निर्देशित किया गया है, सत्यापन अभियान के दौरान जो भी संदिग्ध पाया जाता है या फिर किसी पर शक होता है तो उसकी पूरी जानकारी हासिल की जाए।

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