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गोविंद वन्यजीव एवं राष्ट्रीय पार्क पुरोला के तहत घेरबाड़ निर्माण घोटाले

उत्तरकाशी: उत्तरकाशी में स्थित गोविंद वन्य जीव विहार एवं राष्ट्रीय पार्क पुरोला की सुपिन रेंज में मानव- वन्यजीव संघर्ष रोकथाम योजना के तहत घेरबाड़ निर्माण घोटाले में दोषी पाए गए ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। जबकि इस मामले में आरोपी पाए गए तत्कालीन उप निदेशक, रेंज अधिकारी, अनुभाग अधिकारी और वन दरोगा के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी है।

इस संबंध में उप निदेशक डॉ. अभिलाषा सिंह की ओर से आदेश जारी किए गए हैं। इससे पूर्व इस मामले में वन संरक्षक, राजाजी टाइगर रिजर्व डॉ. साकेत बडोला ने कार्रवाई की संस्तुति के साथ अपनी रिपोर्ट वन मुख्यालय को सौंप दी थी।

वर्ष 2021 में पुरोला की सुपिन रेंज नैटवाड़ के तहत मनोरा कक्ष संख्या-2 में जंगली जानवरों से मानव एवं फसल सुरक्षा के लिहाज से तारबाड़ एवं सुरक्षा दीवार के निर्माण के लिए 9.98 लाख रुपये मंजूर किए गए थे। लेकिन वन अधिकारियों ने बिना काम के ही ठेकेदार को लाखों रुपये भुगतान कर दिया। शिकायत के बाद इस मामले में जिलाधिकारी उत्तरकाशी के स्तर से जांच कराई गई थी।

जांच में राजस्व निरीक्षक नैटवाड़ और अवर अभियंता लोनिवि पुरोला ने 15 मई 2022 को मौके का संयुक्त निरीक्षण किया था। जांच में यह बात सामने आई थी कि निविदा के अनुसार कोई कार्य नहीं कराया गया। कार्य में स्टील के एंगल एवं तारबाड़ का भुगतान किया गया, जबकि मौके पर पत्थर की दीवार की चिनाई की गई थी।

इस मामले में विस्तृत जांच और तथ्यों को परखने के बाद संबंधित ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट किए जाने के आदेश किए गए हैं। अब संबंधित ठेकेदार किसी भी राजकीय कार्य के लिए निविदा में भाग नहीं ले पाएगा।

 – डॉ. अभिलाषा सिंह, उप निदेशक, गोविंद वन्य जीव विहार एवं राष्ट्रीय पार्क पुरोला

अब इस मामले में ठेकेदार शंकर सिंह राणा निवासी कासला, फिताड़ी तहसील मोरी, जिला उत्तरकाशी को सरकारी धन का दुरुपयोग करने, कार्यादेश एवं निविदा की शर्तों का उल्लंघन का दोषी पाते हुए ब्लैकलिस्ट किए जाने के आदेश किए गए हैं। इसके साथ ही ठेकेदार की ओर से जमा की गई प्रतिभूतियां भी जब्त की गई हैं।

इस मामले में जिलाधिकारी की रिपोर्ट के बाद भी मामला लंबे समय तक ठंडे बस्ते में रहा। अमर उजाला ने 20 अगस्त और 27 सितंबर को इस मामले में प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद वन मुख्यालय हरकत में आया। अब आरोपी पाए गए अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई का इंतजार है।

 

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