रंगों में सराबोर देवभूमि…सियासत पर भी चढ़ा होली का खुमार, इस मंदिर की रंगत कर देगी मोहित
Dehradun: उत्तराखंड में जगह-जगह होली का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। लोगों ने एक दूसरे को गुलाल लगाकर होली की बधाइयां दी। सियासत पर होली का रंग चढ़ा। सीएम भी सबके संग खूब झूमे। सीएम ने पूर्व मुख्यमंत्रियों हरीश रावत, भगत सिंह कोश्यारी और तीरथ सिंह रावत के आवास पर जाकर होली की शुभकामनाएं दीं और रंग लगाया। वहीं गोपेश्वर के गोपीनाथ मंदिर में भव्य होली खेली गई।
ओटूवा बेलेणा, लगैलो मडांण,बेडु पाको, ओ लाली, रंगिली बिंदुली घाघर काई, मैं पहाड़न, मेरा ठुमका पहाड़ी समेत अन्य कई पहाड़ी गानों पर लोग थिरकते नजर आए। इस दौरान पारंपरिक वाद्ययंत्रों की थाप पर पूरे उत्साह के साथ छोलिया, झोड़ा आदि लोकनृत्य भी करते दिखाई दिए।
वहीं गोपीनाथ मंदिर में खेली गई होली बेहद खास रही। होली पर्व यूं तो देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, लेकिन चमोली जनपद के गोपेश्वर में होली पर्व अनूठे ढंग से मनाया जाता है। यहां गांव-गांव से पहुंची होल्यारों की टोली भगवान गोपीनाथ के मंदिर में होली मनाने पहुंचते हैं। इस दौरान मंदिर की रंगत देखते ही बनती है। दिनभर भोलेनाथ संग होली खेलने के बाद टोलियां अपने-अपने क्षेत्र के लिए लौट जाती हैं। लंबे समय से यहां यह परंपरा चल रही है।

स्थानीय मान्यता है कि गोपीनाथ मंदिर क्षेत्र में ही श्रीकृष्ण ने गोपियों के साथ रासलीला रचाई थी। मंदिर परिसर में प्रतिवर्ष होली पर्व अनूठे ढंग से मनाया जाता है। नगर क्षेत्र के साथ ही समीपवर्ती गांवों से होल्यारों की टोली मंदिर में पहुंची।

यहां भगवान गोपीनाथ को अबीर, गुलाल अर्पित करने के बाद सभी टोलियां मंदिर परिसर में एकत्रित हुई, जिसके बाद यहां लाउडस्पीकर और पारंपरिक वाद्ययंत्र ढोल-दमाऊं की थाप पर होल्यार झूमकर नाचे।

दिनभर होली के गीतों पर लोग थिरकते रहे। गोपेश्वर गांव के क्रांति भट्ट का कहना है कि गोपीनाथ मंदिर की होली अनूठी है।

यहां की होली भोलेनाथ को समर्पित होती है। कहा कि जिस तरह ब्रज में कान्हा के साथ होली मनाई जाती है, उसी तरह गोपेश्वर में होल्यार गोपीनाथ भगवान के संग होली खेलते हैं। यह क्षण दिव्य और भव्य होते हैं।