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स्वर्णिम लक्ष्य…टनल परियोजनाएं बन गईं तो रोड-रेल कनेक्टिविटी में आएगी नई क्रांति

Dehradun: उत्तराखंड में दुर्गम पहाड़ों के बीच घुमावदार सड़कों से लंबे और थकाऊ सफर से कब छुटकारा मिलेगा। इस प्रश्न का उत्तर उन 66 टनल परियोजनाओं पर टिका है, जिन्हें अगले एक दशक में जमीन पर उतारा जाना है। ये टनल परियोजनाएं रोड कनेक्टिविटी में नई क्रांति लाने का काम करेंगे।

इसमें दो सीमांत जिले चमोली और पिथौरागढ़ को जोड़ने वाली 30 किमी मिलम-लप्थल की टनल परियोजना का भी प्रस्ताव बनाया गया है। देहरादून से टिहरी के बीच 30 किमी टनल का निर्माण होने से टिहरी, गंगोत्री और यमुनोत्री के बीच न सिर्फ समय बल्कि दूरी भी कम हो जाएगी।

राज्य में अभी करीब 18 टनल संचालित हो रही हैं। गंगोत्री से यमुनोत्री धाम को जोड़ने के लिए 121 किलोमीटर लंबी रेल लाइन परियोजना भी प्रस्तावित है। इस प्रोजेक्ट के तहत टिहरी जिले के जाजल और मरोड़ के बीच करीब 17 किमी लंबी एक रेल टनल बनेगी।

इस प्रोजेक्ट में करीब 20 टनल बनाए जाने का प्रस्ताव है। चारधाम विकास परियोजना के तहत, रुद्रप्रयाग में बदरीनाथ से गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग को जोड़ने के लिए 902 मीटर की सुरंग बनाया जाना प्रस्तावित है।

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