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सड़कों पर जनता को हो रही परेशानी को देखते हुए जिलाधिकारी डा. आर राजेश कुमार स्वयं सड़क पर उतरे

वर्तमान में दून की सड़कों पर कहीं स्मार्ट सिटी का काम चल रहा है तो कहीं गेल की पीएनजी लाइन बिछ रही है। वहीं, कुछ सड़कों का हाल हमेशा ही खराब रहता है, जबकि कुछ पर काम बंद पड़ा है। इसके चलते जगह-जगह सड़कों पर गड्ढे हैं तो धूल के गुबार भी उठ रहे हैं। सड़कों पर जनता को हो रही परेशानी को देखते हुए जिलाधिकारी डा. आर राजेश कुमार स्वयं सड़क पर उतरे।

कई जगह वह पैदल भी चले और गड्ढों को लेकर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने निर्देश दिए कि एक सप्ताह के भीतर सड़कों की दशा में आवश्यक सुधार कर लिया जाए। जिलाधिकारी ने लैंसडौन चौक से प्रिंस चौक तक पैदल सफर कर स्मार्ट सिटी के स्मार्ट रोड आदि कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि जिस हिस्से पर सड़क का काम पूरा हो चुका है, वहां पैचवर्क कर दिया जाए।

इसके बाद सहारनपुर रोड होते हुए लाल पुल से कारगी चौक तक का निरीक्षण किया। उन्होंने पाया कि इस सड़क पर जगह-जगह गड्ढे हैं और यह सड़क हमेशा भी खस्ताहाल रहती है। सड़क की दशा पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने लोनिवि निर्माण खंड को एक सप्ताह के भीतर गड्ढे भरने के निर्देश दिए। वहीं, आइएसबीटी से रिस्पना पुल तक बाईपास रोड का हाल देखकर भी जिलाधिकारी चिंतित नजर आए।

उन्होंने राजमार्ग खंड डोईवाला के अधिकारियों को निर्देश दिए कि सड़क को चौड़ा करने के लिए संबंधित ठेकेदार के साथ जल्द अनुबंध कर काम शुरू कराया जाए। निरीक्षण में लोनिवि प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता डीसी नौटियाल, राजमार्ग खंड की अधिशासी अभियंता रचना थपलियाल, स्मार्ट सिटी के महाप्रबंधक जीएस चौहान आदि शामिल रहे।

आइएसबीटी पर नाली का ढक्कन खुला देख भड़के

निरीक्षण के दौरान आइएसबीटी के पास नाली का ढक्कन खुला देखकर जिलाधिकारी भड़क गए। उन्होंने कहा कि इस तरह की अनदेखी के चलते कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। उन्होंने अधिकारियों को तत्काल ढक्कन बंद कराने को कहा।

जहां यातायात का दबाव अधिक, वहां रात में करें काम

जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिए कि जिन सड़कों पर यातायात का दबाव अधिक है, वहां रात में काम किया जाए। जिससे जनता को परेशानी का सामना न करना पड़े। निर्माण कार्यों के दौरान सुरक्षा मानकों का ध्यान रखने को भी कहा

निरीक्षण में मिले 105 गड्ढे

जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान पाया कि विभिन्न सड़कों पर 105 ऐसे गड्ढे हैं, जिनका निर्माण कार्यों से सीधा मतलब नहीं है। इस तरह के गड्ढों को यातायात के लिए खतरा बताते हुए जिलाधिकारी ने अधिकारियों को पैचवर्क करने के निर्देश जारी किए।

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