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विधायकों ने सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा से जुड़े मुद्दे उठाए

Dehradun: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विपक्षी विधायकों की बैठक में लंबित मसलों पर सुस्त कार्रवाई पर अफसरों के पेच कसे। उन्होंने निर्देश दिए कि वे समस्याओं के समाधान के लिए वे फील्ड में उतरकर तेजी से कार्रवाई करें। बृहस्पतिवार को सचिवालय में हुई समीक्षा बैठक की पहल पर विपक्षी विधायकों ने सीएम की जमकर तारीफ की। हालांकि वे यह कहने से भी नहीं चूके आने वाला समय बताएगा कि बैठक में उठाए गए लंबित मसलों और सीएम के स्तर से मांगे गए प्रस्तावों पर किस तेजी से काम होगा।

अलबत्ता बैठक के दौरान विधायकों ने सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा से जुड़े मुद्दे उठाए। बैठक में जोशीमठ आपदा प्रभावितों के भवन और भूमि के मुआवजे का मुद्दा भी गरमाया। लंबित मसलों पर धीमी कार्रवाई की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने मौके पर ही अफसरों के पेच कसे।
उन्होंने अफसरों को निर्देश दिए कि वे फील्ड में उतरकर विकास योजनाओं पर तेजी से कार्रवाई करें।उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी विधानसभा क्षेत्रों की प्रमुख समस्याओं को गंभीरता से सुने और उनका समाधान करें। राज्य के समग्र विकास के लिए सबको एकजुट होकर कार्य करना होगा। जिलाधिकारी भी जिलों में समय-समय पर विधायकों के साथ बैठक कर उनके क्षेत्रों की समस्याओं का समाधान करें।

कूड़ा निपटारा करने समेत कई अन्य समस्याएं उठाईं
उन्होंने जल जीवन मिशन के कार्यों में तेजी लाने, ग्रीष्मकाल में लोगों को पेयजल की किल्लत का समाधान करने, विकास कार्यों में तेजी लाने तथा क्षेत्रीय समस्याओं के तत्काल समाधान करने को भी कहा। तकरीबन सभी विधायकों ने सड़कों के काम शुरू न होने की शिकायत की। उन्होंने पेयजल के लिए हैंडपंप लगाए जाने, पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने, बाढ़ सुरक्षा के कार्य करने, कूड़ा निपटारा करने समेत कई अन्य समस्याएं उठाईं।

खुद एक-एक समस्या व सुझाव कॉपी पर लिखते रहे

पूरी बैठक के दौरान कांग्रेस, बसपा और निर्दलीय विधायकों ने जो भी समस्याएं रखीं और सुझाव दिए, मुख्यमंत्री स्वयं कॉपी पर इन्हें नोट करते रहे।

बातचीत करते दो वरिष्ठ अफसरों को भी टोका

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री की निगाह दो वरिष्ठ अफसरों की ओर गई। वे दोनों आपस में बातचीत कर रहे थे। सीएम के टोकने पर दोनों अफसरों ने बातचीत बंद की और बैठक में ध्यान देना शुरू कर दिया। सीएम के इन तेवरों को देख बाकी अफसर भी चौकस हो गए।

गढ़वाल मंडल के ये विधायक रहे उपस्थित

विधायक प्रीतम सिंह, ई. रवि बहादुर, ममता राकेश, वीरेन्द्र कुमार, फुरकान अहमद, सरवत करीम अंसारी, शहजाद, अनुपमा रावत,संजय डोभाल, विक्रम सिंह नेगी, राजेन्द्र सिंह भण्डारी

बात तो हो गई आगे देखिए क्या होता है: प्रीतम

जब सीएम ने इस बात की पहल की है, प्रत्येक लोकसभा की विधानसभा क्षेत्रों की समस्या का समाधान करने के लिए बैठक करेंगे, उस समय विपक्ष के विधायकों नहीं बुलाया गया था। तब हमने कहा था कि लोकतंत्र में पक्ष-विपक्ष महत्वपूर्ण अंग है। अगर ऐसा बर्ताव सरकार करेगी, तो उचित नहीं। आज मुख्यमंत्री ने विपक्ष के विधायकों के साथ बैठक की। हमने सीएम से अपनी बात कही। बात तो हो गई, अब आगे देखिए क्या होता है।– प्रीतम सिंह, कांग्रेस विधायक, चकराता

मुख्यमंत्री ने अच्छी पहल की है। राज्य के समग्र विकास के लिए यह जरूरी है कि सभी विधानसभा क्षेत्रों के विकास की चिंता की जाए। हमने बैठक में अपनी बात रखी है। उम्मीद है कि हमारी मांगों और समस्याओं का समाधान होगा। -मोहम्मद शहजाद, बसपा विधायक, लक्सर

लंबित प्रस्तावों पर तेजी हो काम

शासन में हमारे बहुत से प्रस्ताव लंबित हैं। हमने बैठक में खुलकर अपनी मांगे रखीं। रामपुर मंडी से पिरान कलियर बाइपास के लिए सात गांवों की जमीन अधिग्रहित होनी चाहिए, लेकिन चार गांवों को छोड़ दिया गया। सीएम ने आश्वस्त किया है। -फुरकान अहमद, कांग्रेस विधायक पिरान कलियर

जोशीमठ में भूमि का मुआवजा तय हो

पहल का स्वागत करते हैं। जोशीमठ आपदा में भूमि का मुआवजा तय नहीं हो पाया है। व्यावसायिक भवनों के मुआवजे के लिए स्लैब बनाए गए हैं, जिनसे प्रभावितों को बहुत नुकसान हो रहा है। ये सभी मसले उठाए हैं। वक्त बताएगा कि कितने मसले पूरे होते हैं।– राजेंद्र भंडारी, कांग्रेस विधायक बदरीनाथ

सीएम की पहल का धन्यवाद। हमने 10 औचित्यपूर्ण योजनाओं के प्रस्ताव दिए थे। कहते हुए दुख हो रहा है कि पांच योजनाओं पर अभी तक काम भी शुरू नहीं हो पाया। आज भी अधिकारियों की उदासीनता रही। समस्या का समाधान होना चाहिए। -ममता राकेश, कांग्रेस विधायक, भगवानपुर

हमसे 10 औचित्यपूर्ण प्रस्ताव मांगे गए थे। चार-पांच महीने हो गए, लेकिन इन पर कुछ नहीं हो पाए, यह मसला उठाया। सड़कें भी बनने शुरू नहीं हुई। सभी ने इस पर चिंता जाहिर की। -अनुपमा रावत, कांग्रेस विधायक, हरिद्वार ग्रामीण

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