मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चम्पावत पहुंचे, कहा- चंपावत मेरी नई कर्म और धर्म स्थली
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चंपावत के विकास की वृहद कार्ययोजना तैयार कर चंपावत को भारत के मानचित्र पर लाया जाएगा। गोरखनाथ दरबार में पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री ने कहा कि डीडीहाट (पिथौरागढ़) मेरी जन्मस्थली है। खटीमा (ऊधमसिंह नगर) कर्मस्थली है और अब इन दोनों के बीच सेतु बना चंपावत उनकी कर्म और धर्मस्थली बनेगी।
सरकार चंपावत सहित सभी पिछड़े जिलों को भी विकास की मुख्य धारा से जोड़ेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देने के साथ प्रदेश की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए कदम उठाएंगे। धामी ने कहा कि उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला पहला राज्य बनेगा। इसके लिए कमेटी गठित की जा रही है। अगर इसमें किसी तरह की विधिक या अन्य अड़चन आएगी तो भारत सरकार से मार्गदर्शन लेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गोरखनाथ दरबार में मत्था टेका और मंदिर की परिक्रमा की। दरबार में सीएम के साथ मुख्यमंत्री के लिए अपनी सीट छोड़ने वाले विधायक कैलाश गहतोड़ी भी थे। महंत सोनूनाथ ने सीएम धामी को उपचुनाव में जीत का आशीर्वाद दिया। मुख्यमंत्री ने मंच उप तहसील का संचालन शुरू कराने, चंपावत में एआरटीओ कार्यालय खोलने सहित दस घोषणाएं भी कीं। मंदिर परिसर में हुई चौपाल में मुख्यमंत्री धामी ने क्षेत्र के विकास के लिए हर स्तर पर काम करने का एलान किया। पूर्व विधायक कैलाश गहतोड़ी ने कहा कि सीएम धामी के इस क्षेत्र से प्रतिनिधि होने से विकास बुलेट ट्रेन की गति से होगा। जिलाध्यक्ष दीपक पाठक की अध्यक्षता और हरीश भट्ट के संचालन में हुई चौपाल में प्रांतीय संगठन मंत्री अजेय, पूर्व मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने भी विचार रखे।
- टनकपुर-चंपावत में एक-एक एआरटीओ कार्यालय खोला जाएगा।
- अमोड़ी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को मंजूरी।
- मंच उप तहसील का संचालन होगा।
- बनबसा में मिनी स्टेडियम।
- टनकपुर के राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज को ट्रिपल ई के दर्जे के लिए कार्यवाही होगी।
- चाय बागान से हिंगलादेवी मंदिर तक रज्जूमार्ग।
- चंपावत को अखिल भारतीय स्तर पर पर्यटन मानचित्र में लाने के लिए पर्यटन विभाग विशेष कार्ययोजना तैयार करेगा।
- सूखीढांग-श्यामलाताल मोटर मार्ग, ठुलीगाड़-भैरव मंदिर मोटर, सूखीढांग-डांडा-मीडार-रीठा साहिब सड़क को राज्य सड़क का दर्जा देना।
- चंपावत गोलू देवता, घोड़ाखाल गोलू देवता और चितई गोलू देवता को मिलाकर एक विशेष गोलज्यू कॉरिडोर बनाया जाएगा।
- मां पूर्णागिरि मंदिर क्षेत्र और देवीधुरा मंदिर क्षेत्र का प्राथमिकता के आधार पर विकास होगा।