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अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के चौथे दिन साधकों को प्रसिद्ध कथावाचक जया किशोरी ने संबोधित किया।

Dehradun: प्रसिद्ध कथावाचक जया किशोरी ने कहा कि गुरु का काम व्यक्ति को भगवान से जोड़ने का है, न कि खुद से, लेकिन आज गुरु स्वयं को भगवान से ज्यादा समझने लगे हैं। यह स्थिति धर्म और आध्यात्म के लिए खतरनाक है। गुरु कभी भी ईश्वर से बड़ा नहीं हो सकता। यह बात अलग है कि ईश्वर से मिलने की राह वही दिखाता है।

मुनि की रेती स्थित गंगा रिजॉर्ट में गढ़वाल मंडल विकास निगम और पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के चौथे दिन साधकों को प्रसिद्ध कथावाचक जया किशोरी ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि दुनिया में कोई भी बात नई नहीं है। केवल उन बातों को बताने का तरीका अलग-अलग और नया हो सकता है।

गुरु केवल उस ज्ञान पर धूल की परत हटाने का काम करता है। बात केवल इतनी सी है जो जल्दी समझ गया वह दूसरों को समझने में मदद करें। महिला और पुरुष की समानता पर कहा कि दोनों की सोच में अंतर उन की परवरिश के कारण होता है। यदि बचपन में ही लड़के और लड़कियों को समान शिक्षा, संस्कार दिए जाए तो दोनों की सोच एक जैसी हो सकती है।

Katha vachak jaya kishori attends International Yoga Festival in rishikesh talked about religion

सुबह के सत्र में डाॅ. लक्ष्मी नारायण जोशी ने कहा कि प्राचीन काल से ही योग को चिकित्सा के रूप में प्रयोग किया जाता रहा है। हमारा शरीर वात, पित व कफ तीन दोषों से निर्मित है। यदि यह दोष विकृत हो जाते हैं तो शरीर रोग से ग्रस्त हो जाता है। वात कि विकृति से 80 प्रकार के रोग, पित की विकृति से 40 प्रकार के रोग व कफ की विकृत से 20 प्रकार के रोग होते हैं।

Katha vachak jaya kishori attends International Yoga Festival in rishikesh talked about religion

योगिनी उषा माता ने योग साधकों को आयंगर योग का प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने साधकों को स्वस्थ बने रहने के योगाभ्यास कराए। कहा कि योग क्रियाओं का अभ्यास करने से हम कई असाध्य रोगों से मुक्त हो जाते हैं। शरीर की स्वस्थता को बरकरार करने में योग साधना संजीवनी का काम करती हैं।
Katha vachak jaya kishori attends International Yoga Festival in rishikesh talked about religion

योगी डाॅ. अमृत राज ने कहा कि बीमारियों का मुख्य कारण गलत खान-पान और व्यवहार है। गलत खान-पान व व्यवहार के कारण कैंसर जैसी घातक बीमारी लोगों के अमूल्य जीवन को नष्ट कर रही है। हमें खाना बनाने के लिए एल्युमिनियम के बर्तनों को प्रतिबंधित कर देना चाहिए। मिट्टी और तांबे के बर्तन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। डाॅ. सरस्वती काला ने आयुर्वेदिक एक्यूप्रेशर के बारे में जानकारी दी।
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देर शाम इंदर आर्य ग्रुप ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मनमोहन प्रस्तुतियां दी। इस मौके पर जीएमवीएन प्रबंध निदेशक विशाल मिश्रा, महाप्रबंधक प्रशासन विप्रा त्रिवेदी, महाप्रबंधक पर्यटन दयानंद सरस्वती, सहायक प्रधान प्रबंधक एसपीएस रावत, वरिष्ठ प्रबंधक कार्मिक विश्वनाथ बेंजवाल, वित्त एवं लेखाधिकारी चिंतामणी मट्ट आदि मौजूद रहे।

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