दूसरे राज्यों की 3247 महिला अभ्यर्थियों का रिजल्ट निरस्त
पीसीएस मुख्य परीक्षा से ठीक पहले उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने दूसरे राज्यों की 3247 महिला अभ्यर्थियों का रिजल्ट निरस्त कर दिया है। वह मुख्य परीक्षा नहीं दे पाएंगी। यह फैसला आयोग की बोर्ड बैठक में लिया गया। पहले यह बैठक मंगलवार को होनी थी, लेकिन आयोग के अध्यक्ष डॉ.राकेश कुमार ने सोमवार को ही बैठक बुलाकर निर्णय ले लिया। इन अभ्यर्थियों का नाम हाईकोर्ट में महिला क्षैतिज आरक्षण का शासनादेश रद्द होने के बाद संशोधित परिणाम में शामिल किया गया था।
दरअसल, पीसीएस प्री परीक्षा का परिणाम आने के बाद उत्तराखंड की महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर हुईं थीं। इन पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने क्षैतिज आरक्षण संबंधी शासनादेश रद्द कर दिया था। इस आदेश के प्रभावी होने के साथ ही राज्य लोक सेवा आयोग ने भी राज्य की महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण खत्म करते हुए पिछले साल 22 सितंबर और 19 अक्तूबर को पीसीएस मुख्य परीक्षा के दो संशोधित परिणाम जारी किए थे। इस आधार पर तीन हजार से ज्यादा महिला उम्मीदवारों को मौका मिल गया था।
अब 10 जनवरी को प्रदेश में उत्तराखंड लोक सेवा (महिलाओं के लिए क्षैतिज आरक्षण) अधिनियम 2022 लागू हो गया। आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत के मुताबिक, महिला आरक्षण अधिनियम के लागू होने के बाद विभिन्न पदों के सापेक्ष दूसरे राज्यों की 3247 महिला अभ्यर्थियों का रिजल्ट निरस्त कर दिया गया है। वह 23 से 26 फरवरी के बीच होने जा रही पीसीएस मुख्य परीक्षा में नहीं बैठ पाएंगी।