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उत्तराखंड वन विभाग में शीघ्र ही अधिकारियों की कमी दूर

Dehradun: उत्तराखंड वन विभाग में शीघ्र ही अधिकारियों की कमी दूर हो जाएगी। वन विभाग के प्रस्ताव पर उत्तराखंड शासन ने विभाग के कैडर रिव्यू की फाइल केंद्र सरकार को भेजी है। इसमें आईएफएस अधिकारियों के छह पद बढ़ाए जाने की अनुशंसा की गई है।

इनमें एक पद मुख्य वन संरक्षक (चीफ कंजरवेटर) और पांच पद उप वन संरक्षक (डीएफओ) के बढ़ाने का प्रस्ताव है। उत्तराखंड वन विभाग में 69 आईएफएस अधिकारियों का कैडर है, जो केंद्र की स्वीकृति के बाद बढ़कर 75 हो जाएगा। इससे विभागीय कामकाज को सही तरीके से निपटाने में काफी हद तक मदद मिलेगी।

इससे पहले वर्ष 2016 में उत्तराखंड वन विभाग का कैडर रिव्यू हुआ था। कैडर रिव्यू की यह प्रक्रिया हर पांच साल बाद दोहराई जाती है। इस हिसाब से वर्ष 2021 में रिव्यू होना चाहिए था, लेकिन कोविड के चलते ऐसा नहीं हो पाया। अब जाकर छह साल बाद दोबारा प्रक्रिया शुरू हुई है।

10 आईएफएस अधिकारियोंं को भी होना है रिटायर्ड 

वर्तमान में उत्तराखंड वन विभाग आईएफएस अधिकारियों की कमी से जूझ रहा है। बीते वर्ष 2022 में 17 आईएफएस अधिकारी रिटायर हो चुके हैं, जबकि एक की सर्विस के दौरान मृत्यु हो गई थी। वहीं, चालू वर्ष में 10 आईएफएस अधिकारियोंं को भी रिटायर्ड होना है।

इनमें से पांच अधिकारी अप्रैल तक रिटायर हो चुके हैं, जबकि एक अधिकारी का रिटायरमेंट इसी माह है। ऐसे में कैडर रिव्यू के बाद यदि अफसरों की संख्या में वृद्धि के प्रस्ताव को केंद्र की मंजूरी मिलती है, तो वन महकमे को काफी हद तक राहत मिलेगी।

31 से 36 हो जाएंगे डीएफओ के पद

उत्तराखंड वन विभाग में मुख्य वन संरक्षक (चीफ कंजरवेटर) के 14 पद स्वीकृत हैं, जो कैडर रिव्यू के बाद 15 हो जाएंगे। इसी तरह से उप वन संरक्षक (डीएफओ) के 31 पद स्वीकृत हैं, जो कैडर रिव्यू के बाद 36 हो जाएंगे। प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक ने कैडर रिव्यू का प्रस्ताव केंद्र को भेजने की पुष्टि की है।
हर पांच साल बाद आईएफएस कैडर का रिव्यू किया जाता है। बीच में कोरोनाकाल के चलते प्रस्ताव भेजने में देरी हुई। प्रस्ताव की फाइल शासन के माध्यम से केंद्र सरकार को भेजी जा चुकी है। शीघ्र ही फैसला लिया जा सकता है। -बीपी गुप्ता, अपर प्रमुख मुख्य वन संरक्षक, प्रशासन

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