प्रदेश के पिथौरागढ़ और रुद्रपुर में राजकीय मेडिकल कॉलेज के निर्माण की कछुआ चाल
Dehradun: प्रदेश के पिथौरागढ़ और रुद्रपुर में राजकीय मेडिकल कॉलेज के निर्माण की कछुआ चाल है। पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज का एक साल में 10 प्रतिशत काम नहीं हुआ है। इसी तरह रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज में जिन भवनों का ढांचा खड़ा था, उसकी गुणवत्ता घटिया पाई गई। जिससे उन्हें तोड़कर नये सिरे से निर्माण किया जाएगा।
कार्यदायी कंपनियों की हीलाहवाली से दोनों मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य में देरी हो रही है। केंद्र सरकार की हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना है। इसके तहत प्रदेश के तीन जिले हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और पिथौरागढ़ में मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य चल रहा है। हरिद्वार मेडिकल कॉलेज का लगभग 80 प्रतिशत हो चुका है। लेकिन रुद्रपुर और पिथौरागढ़ में मेडिकल कॉलेज को बनने में अभी कई साल लगेंगे। प्रदेश सरकार भी निर्माण कार्यों की सुस्त रफ्तार पर सख्त है।
रुद्रपुर में मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य पिछले कई साल से चल रहा है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने ईपीआईएल कंपनी को मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य सौंपा था। इसके लिए 50 करोड़ की राशि कंपनी को दी गई। लेकिन निर्माण कार्यों की गुणवत्ता आईआईटी रुड़की की जांच में घटिया पाई गई। 14 भवनों के ढांचे को तोड़कर अब नये सिरे से बनाया जाएगा। सरकार ने ईपीआईएल कंपनी को काली सूची में डाल कर 32 करोड़ की राशि वसूलने की कार्रवाई की है। अब मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य पेयजल निर्माण निगम को सौंपा गया है।