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ईज ऑफ लीविंग पर काम करेगी उत्तराखंड सरकार

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) का अब नागरिक सेवाओं को सुलभ बनाने पर फोकस है। पीएमओ ने इस संबंध में उत्तराखंड सरकार से इसकी कार्ययोजना तैयार करने की अपेक्षा की है। प्रदेश सरकार अब ईज ऑफ डूईंग की तर्ज पर ईज ऑफ लीविंग के लिए काम करेगी। इसका जिम्मा उद्योग विभाग को सौंपा जाएगा।

उद्योग विभाग में ईज ऑफ डूइंग के लिए बनाए गए प्रोजेक्ट मॉनटरिंग यूनिट (पीएमयू) को ही ईज ऑफ लीविंग की एसओपी तैयार करने का काम दिया जाएगा। पीएमयू विभागों के साथ समन्वय बनाकर इस योजना पर काम करेगा। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने पिछले दिनों ईज ऑफ लीविंग के संबंध में शासन के सभी प्रमुख सचिवों, सचिवों और प्रभारी सचिवों के साथ बैठक की। बैठक में सरकार के स्तर पर नागरिकों को दी जाने वाली सेवाओं को सरल और जन सुलभ बनाने की रणनीति पर मंथन हुआ।

ताकि नागरिकों को दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़ें
ईज ऑफ लीविंग का मुख्य उद्देश्य जनता के लिए सरकारी सेवाओं को आसान और सुलभ बनाना है। यदि किसी नागरिक को प्रमाण पत्र बनाना हो या भूमि की रजिस्ट्री करानी हो, राशन कार्ड बनाना या अन्य कोई सरकारी सेवा का लाभ लेना हो तो उसके लिए उसे सरकारी दफ्तर के चक्कर न काटने पड़ें। एक कॉमन वेबसाइट और विभागीय वेबसाइट पर ऐसी सुविधा हो, जिससे जनता प्रमाण पत्रों व अन्य सरकारी दस्तावेजों को सुगमता से डाउनलोड कर सके। सरकारी सेवा प्राप्त करने के लिए आवेदन की प्रक्रिया भी ऑनलाइन हो ये सेवाएं उन्हें एक निश्चित अवधि में मिले।

 

उत्तराखंड सरकार सरकारी तंत्र को नागरिक सेवाओं के प्रति जवाबदेह बनाने को लेकर काम कर रही है। 2011 में तत्कालीन खंडूड़ी सरकार ने सेवा का अधिकार कानून बनाया। इस कानून के तहत करीब 300 सरकारी सेवाओं को समय पर उपलब्ध कराने के लिए सरकारी महकमों को उत्तरदायी बनाया गया है। इसके अलावा अपणि सरकार पोर्टल भी शुरू किया गया है, जिसमें सरकारी सेवाओं को लेकर नागरिक ऑनलाइन शिकायत कर सकते हैं, जिनके समाधान के लिए एक समयसीमा और स्तर तय किए गए हैं। नागरिक सेवाओं को सर्वसुलभ बनाने के लिए सुधार की काफी गुंजाइश है। विभागों के बीच में समन्यव की कमी के कारण नगारिक सुुविधाओं से जुड़ी योजनाएं प्रभावी नहीं हो पा रही हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय की दखल के बाद अब ईज ऑफ लीविंग के जरिये नागरिकों की सेवाओं को सरल और जनसुलभ बनाने में मदद मिलेगी। मुख्य सचिव ने उच्चाधिकारियों को ताकीद किया है कि वे विभागीय स्तर पर ईज ऑफ लीविंग की एसओपी तैयार कराएं। उद्योग विभाग के पीएमयू को एसओपी बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। सूचना प्रौद्योगिकी विभाग एक ईज ऑफ लीविंग की वेबसाइट तैयार कराएगा, जिसके माध्यम से जनता को सरकारी सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी। सभी विभागों को सेवाओं से जुड़ी सूची सौंपी गई हैं, जिन्हें उन्हें सर्वसुलभ बनाना है।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने ईज ऑफ लीविंग के दृष्टिगत नागरिकोन्मुखी सेवाओं व प्रमाणपत्रों को सरल एवं सुलभ बनाए जाने की अपेक्षा की है। मुख्य सचिव के स्तर पर इस बारे में दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इस पर काम शुरू हो गया है। -अरुणेंद्र सिंह चौहान, अपर सचिव, कार्मिक एवं सतर्कता

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