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स्वामी विवेकानंद का उत्तराखंड से रहा गहरा लगाव

Dehradun: स्वामी विवेकानंद का उत्तराखंड से गहरा लगाव था। वे अपने जीवनकाल में कई बार उत्तराखंड आए थे। आज उनकी जयंती के मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं उनके उत्तराखंड दौरे को लेकर कुछ खास बातें...1890 में टिहरी, बदरीनाथ जाते हुए स्वामी विवेकानंद दून पहुंचे थे। उनकी यात्रा संक्षिप्त थी लेकिन सार्थक रही। वह यहां राजपुर स्थित शिव मंदिर के समीप एक कुटिया में ठहरे। गुरुभाई तुरियानंद को पता चला तो वह उनसे मिलने पहुंचे।
उन्हीं के आग्रह पर स्वामी विवेकानंद ने अपने प्रवास काल को एक पखवाड़ा और आगे बढ़ा दिया। जिस जगह स्वामी विवेकानंद केचरण पड़े उस स्थान पर अब एक कक्ष है। मंदिर को बावड़ी शिव मंदिर के रूप में जाना जाता है।

1916 में खोला यहां रामकृष्ण मिशन आश्रम
रामकृष्ण मिशन मठ से जुड़े स्वामी करुणानंद ने विवेकानंद के सपने को पूरा करने के लिए वर्ष 1916 में यहां रामकृष्ण मिशन आश्रम खोला। यह केंद्र असहाय और बीमार लोगों का सहारा है। वहीं, देहरादून में रामकृष्ण मिशन धर्मार्थ औषधालय भी शुरू किया गया। जिसका आज लोगों को भरपूर लाभ मिल रहा है।
वहीं, स्वामी विवेकानंद ने अल्मोड़ा में भी कई दिन प्रवास किया। 1890 की हिमालय यात्रा के दौरान काकड़ीघाट में पीपल के पेड़ के नीचे स्वामी विवेकानंद ने तपस्या की और यहां उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ। यहां 1897 में उन्होंने जन समूह को संबोधित कर लोगों को देश प्रेम और मानवता का संदेश दिया था।

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