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जीएसटी फर्जी बिलों पर 11.64 करोड़ की टैक्स चोरी

राज्य कर विभाग ने फर्जी खरीद बिलों पर 11.64 करोड़ की जीएसटी चोरी में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने अपने और रिश्तेदारों के नाम से छह फर्में बनाई थी। आयरन स्टील की फर्जी खरीद कर आरोपी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ ले रहा था। विभाग ने ई-वे बिल और रिटर्न फाइल के दस्तावेजों की पड़ताल करने पर टैक्स चोरी का खुलासा किया है।  राज्य कर आयुक्त इकबाल अहमद के दिशा निर्देश पर विभाग की टीम ने हरिद्वार जिले के ज्वालापुर के सुभाष नगर में छापा मारकर सुरेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया है। विभाग की प्रारंभिक जांच में पाया गया कि आरोपी ने आईटीसी का लाभ लेकर 11.64 करोड़ की टैक्स चोरी की है। आरोपी ने अपने नाम से पीएस एंटरप्राइजेज और पीएसडी पैकेजिंग फर्म बनाई थी। इसके अलावा अपने रिश्तेदारों के नाम से चार अन्य फर्में चला रहा था। जबकि आरोपी मुख्य रूप से मानव श्रम उपलब्ध कराने का काम करता है। आयरन स्टील की फर्जी खरीद दिखाकर आरोपी की ओर से जीएसटी चोरी की जा रही थी।  विभाग ने माल एवं सेवा कर अधिनियम की धारा 132 के तहत आरोपी को गिरफ्तार किया है। कोर्ट में पेश कर आरोपी को 14 दिन के न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। जीएसटी अधिनियम में टैक्स चोरी की राशि पांच करोड़ से अधिक होने पर कारावास की सजा का प्रावधान है।  राज्य कर आयुक्त ने कहा कि जीएसटी चोरी में संलिप्त फर्मों को चिह्नित किया गया है। ऐसी फर्मों के खिलाफ इस प्रकार की कार्रवाई जारी रहेगी। टैक्स चोरी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। इसके लिए विभाग की ओर से लगातार रिटर्न फाइल और ई-वे बिलों की पड़ताल कर टैक्स चोरी का पता लगाया जा रहा है।

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