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गुलदार घुसने से अफरा तफरी

मीरानगर की गली नंबर 14 में एक घर के भीतर गुलदार घुस आया था। इससे आसपास के लोगों में दहशत फैल गई। सूचना पाकर वन विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। गुलदार के हमले में ऋषिकेश रेंजर के घायल होने की सूचना के बाद कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने वनकर्मियों को सतर्क रहते हुए गुलदार को तय समय के भीतर पकड़ने के निर्देश दिए। उन्होंने क्षेत्र में एक नियमित पिंजरा लगाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर स्थानीय पार्षद सुंदरी कंडवाल भी मौजूद थीं।
मौके पर पहुंचे अधिकारी

आईडीपीएल और जंगल से सटे होने के कारण मीरानगर क्षेत्र में गुलदार की सक्रियता लगातार बनी है। यहां स्थानीय लोग गुलदार के आने कारण प्रमुख कारण बड़े नाले और कुत्तों को मानते हैं। लोगों का मानना है कि गुलदार इस नाले में पानी पीने और कुत्तों को निवाला बनाने के लिए आता है।

पार्षद सुंदरी कंडवाल ने बताया कि मीरानगर क्षेत्र में लंबे समय गुलदार की आवाजाही बनी हुई है। बीते तीन दिनों में गुलदार ने पहले यहां एक कुत्ते को अपना निवाला बनाया था। फिर उसी दिन देर रात गली नंबर 14 में माणिक चंद के गाय के बछड़े को मार दिया। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों ने वन विभाग से क्षेत्र में गश्त और पिंजरा लगाने की मांग की थी, लेकिन विभाग ने उनकी मांग को अनसुना कर दिया। नतीजतन बृहस्पतिवार सुबह गुलदार फिर से कालोनी में घुस आया।  मीरानगर के बाद आमबाग में गेहूं की फसल के बीच घुसे गुलदार को पकड़ने के लिए वन विभाग ने ड्रॉन कैमरे की मदद ली है। विभाग ड्रॉन कैमरे की मदद से गुलदार की लोकेशन तलाश रहा है। एक बार तो अपने सिर के ऊपर ड्रॉन कैमरा आते देख गुलदार ने उसपर झपटा मारने का प्रयास किया। लेकिन ड्रॉन कैमरा बालबाल बच गया। फिर उसके बाद गुलदार दोबारा वहीं गेहूं के फसल के अंदर घुस गया। वन कर्मचारी गुलदार को पकड़ने के लिए खेत के ऊपर लगातार ड्रॉन कैमरे की मदद से उसकी लोकेशन तलाशने का प्रयास कर रहे थे। लेकिन कुछ देर बार ड्रोन कैमरा भी तकनीकी खराबी के चलते खेत में ही गिर गया। 

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