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सुप्रसिद्ध सिद्धपीठ चौपता चौंरी में त्रिसाला नवरात्र का विधि-विधान के साथ हुआ शुभारंभ

स्थानीय संपादक / नारायणबगड़ चमोली । नारायणबगड़ प्रखंड के चौपता गांव के सुप्रसिद्ध गिरजा भवानी राजराजेश्वरी सिद्धपीठ चौपता चौंरी में त्रिसाला नवरात्र का विधि-विधान और पारंपरिक पूजा अर्चना करने के बाद शुभारंभ हो गया है।

कड़ाकोट पट्टी के चौपता गांव में प्रत्येक तीन सालों में होने वाले इस भव्य नवरात्र की तैयारियां मंदिर समिति एवं इस क्षेत्र के नौ गांवों के ग्रामीणों ने विगत शनिवार को ही पूरी कर ली थी। रविवार को मार्गषीस शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि को मां गिरजा भवानी राजराजेश्वरी सिद्धपीठ में मंदिर के मुख्य पुजारियों,देवी-देवताओं के पश्वाओं,मायके आई ध्याणियों, हक-हकूकधारियों,ग्रामीणों ने एकत्र होकर सबसे पहले जल क्लश यात्रा का स्वागत किया और मंदिर में विधिविधान से मंत्रोच्चारण कर देवी-देवताओं को अवतरित कर नवरात्र की सफलता के लिए कामना की।

  • देश विदेश से प्रवासियों की आमद से कड़ाकोट पट्टी के घर-गावों में रौनक लौटी

बताते चलें कि चौपता चौंरी का यह नवरात्र बहुत ही सुप्रसिद्ध है। यहां देश,विदेश से मां भगवती के भक्त, प्रवासीगण,श्रद्धालूगण, अनेकों मनौतियों को लेकर आते हैं और मां गिरजा भवानी राजराजेश्वरी चौपता चौंरी का आशीर्वाद लेकर जाते हैं। कड़ाकोट पट्टी के गांवों में इन दिनों रिस्तेदारों,मेहमानों का आवभगत हर्षोल्लास पूर्वक किया जाता है।विशेषकर इस नवरात्र के लिए शहरों से गांव आये प्रवासी और उनके परिवारों की उपस्थिति यहां शानदार रौनक लौटा रहे हैं।और भी प्रवासियों का घर आना अभी बाकी है।

यहां के नवरात्र को यहां लोग चौपता कौथीक के नाम से पुकारते हैं। हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ यहां पहुंचती है।चौपता निवासी और पूर्व कनिष्ठ उप प्रमुख दलवीर सिंह रावत ने बताया कि इस चौपता कौथीक की परंपरा है कि यह प्रत्येक तीन सालों में आयोजित होता है। एक वर्ष क्षेत्र के ही बेडगांव में यही नवरात्र आयोजित किया जाता है। मंदिर के मुख्य पुजारी भाष्करानंद सती ने बताया कि मंदिर परिसर में गुरू गौरखनाथ की अखंड धूनी है और यहीं पर नौ नाथ व चौसठ सिद्ध उत्पन्न हुए थे।इस अखंड धूनी की राख के महत्व को बताते हुए कहते हैं कि आदिकाल में यहां से पंडित नारायण दत्त बद्रीनाथ की यात्रा पर जा रहे थे तो उस समय इस पूरे क्षेत्र में हैजा फैला हुआ था,तब उन्होंने इस धूनी की राख जिसको भी लगाई वह हैजा से सुरक्षित रहा।

इसीलिए आज भी श्रद्धालुओं के लिए इस धूनी की राख किसी अमृत से कम नहीं है। मंदिर समिति के अध्यक्ष अवतार सिंह सिनवाल ने आम जनता एवं श्रद्धालुओं से अपील की है कि कोविड गाइड लाइन का अनुपालन करते हुए मां गिरजा भवानी राजराजेश्वरी के दरबार में पहुंचे।इस अवसर पर मुख्य पुजारी वरुण सती,ग्राम प्रधान पृथ्वी नेगी,मोहन सिंह रावत,कोषाध्यक्ष रणजीत सिंह,सरोपसिंह सिनवाल आदि उपस्थित थे।

रिपोर्ट – सुरेन्द्र धनेत्रा

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