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तहसील में अधिकारियों के नहीं मिलने से राज्य आंदोलनकारियों में रोष

UTTARAKASHI: जनपद के सीमांत विकासखंड भटवाड़ी मुख्यालय के राज्य आंदोलनकारियों ने तहसील भवन की दुर्दशा पर आक्रोश व्यक्त किया है। उनका कहना है कि वर्ष 2013 की आपदा के बाद से तहसील मुख्यालय के भवन ध्वस्त होने के बाद कोई भी अधिकारी यहां पर नियमित रूप से से नहीं आता है। वहीं दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

भटवाड़ी विकासखंड मुख्यालय में राज्य आंदोलनकारियों की एक बैठक आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 की आपदा में तहसील भवन बह गया था। उसके बाद से इसका संचालन एनटीपीसी के कमरों में किया जा रहा है। मात्र दो से तीन कमरे होने के कारण वहां पर कोई भी उच्च अधिकारी नहीं बैठता है। हर कोई जिला मुख्यालय से संचालन करता है। स्थिति यह है कि नायब तहसीलदार तक वहां पर नहीं मिलते हैं तो तहसीलदार और एसडीएम की उम्मीद करना बेईमानी है।

साथ ही करीब पिछले चार माह से क्षेत्र में रसोई गैस सिलेंडर की आपूर्ति नहीं हो पाई है। इसलिए दूरस्थ क्षेत्र के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि लंबे समय से राज्य आंदोलनकारी अपने पेंशन को प्रतिमाह 15 हजार करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। कहा कि जल्द ही इन सभी जनसमस्याओं का समाधान नहीं होता है। तो उन्हें उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। इस मौके पर ग्राम प्रधान महेंद्र कपूर, ज्ञानेंद्र राणा, मानेंद्र रावत, विरेंद्र सिंह, रघुवीर सिंह, लोकेश रावत, महावीर, सत्ये रावत, मुकेश रतूड़ी आदि मौजूद रहे।

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