अटल उत्कृष्ट इंटर कॉलेज मुंदोली लापरवाही और अनदेखीयों की झेल रहा मार
स्ठानीय संपादक / चमोली गढ़वाल डेस्क। विकास खंड देवाल के दूरस्थ क्षेत्र में सरकार ने राजकीय इण्टर कॉलेज मुदोली को अटल उत्कृष्ट इंटर कॉलेज तो बना दिया परन्तु सीबीएसई पेटर्न पर संचालित होने वाले उत्कृष्ट विद्यालय के लिए समुचित सुविधाएं उपलब्ध कराने में बरती गई लापरवाही छात्र छात्राओं,विद्यालय प्रबंधन समिति और शिक्षकों के लिए जी का जंजाल बन गई है।
उत्कृष्ट विद्यालय को संचालित कराने में जो जरूरी व मूलभूत सुविधाओं का होना आवश्यक होता है उसका यहां नितांत टोटा पड़ा हुआ है।जिस कारण यहां के छात्र छात्राएं,शिक्षक और अविभावक किंकर्तव्यविमूढ़ बनकर रह गए हैं।
अटल उत्कृष्ट विद्यालय के समन्वयक और विद्यालय के शिक्षक गंगा प्रकाश ने बताया कि सीबीएसई पेटर्न के नियमों के अनुसार विद्यालय के चारों ओर छ फिट ऊंची चारदीवारी, हाईटेक टायलेट,इलैक्ट्रीसिटी, नेटवर्क कनेक्टीविटी,प्रोजक्टर,कंप्यूटर,लैब,खैल मैदान, विषय विशेषज्ञ शिक्षकों आदि का होना आवश्यक है परंतु अभी यह सभी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पाई हैं।
अब गृह परीक्षाएं शुरू हो गई हैं तो छात्र छात्राओं से बातचीत करने पर उन्होंने कहा कि इंग्लिश मीडियम से अचानक परीक्षाएं देने में उन्हें मुश्किलें आ रही है।वे कहते हैं कि इंग्लिश मीडियम के लिए प्रारंभिक स्तर से ही बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाई जानी चाहिए ताकि आगे बडी कक्षाओं में अंग्रेजी माध्यम अड़चनें पैदा नहीं करेगी। बताते चलें कि वर्तमान में विद्यालय में पूर्व में ही सृजित पदों के सापेक्ष ही बहुत कम पदों पर शिक्षकों की उपलब्धता है,जिस कारण पठन-पाठन बहुत ही प्रभावित हो कर रह गया है।
बताते चलें कि विश्व पर्यटन के नक्शे पर मौजूद नंदा देवी लोकजात और राजजात,रूपकुंड,बेदनी बुग्याल,लाटू धाम आदि विश्व प्रसिद्ध तमाम पर्यटन स्थलों वाले मार्ग पर लगभग दस ग्राम पंचायतों के नौनिहालों को पठन-पाठन उपलब्ध कराने वाले अटल उत्कृष्ट इंटर कॉलेज मुंदोली का हाल बहुत ही बेहाल है।
यहां के कक्ष-कक्षाएं,स्टाफ रूम, आवासीय परिसर सब भारी अनदेखियों के कारण जीर्ण-शीर्ण हालत में हैं। विद्यालय के खस्ताहाल होने की प्रमुख वजह तो यह लगती है कि पिछले कई सालों से इसमें स्थाई प्रधानाचार्य नियुक्त नहीं हैं।प्रभारी प्रधानाचार्यों के भरोसे विद्यालय को छोड़ दिया गया है और उन शिक्षकों को पठन-पाठन और सरकारी दूसरे कार्य भी करने होते हैं,जिस कारण प्रभारी प्रधानाचार्य विद्यालय के समुचित सुविधाएं जुटाने की तरफ ध्यान ही नहीं दे पाते हैं।
विद्यालय परिसर में एक मुलाकात में विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष बलवंत सिंह बिष्ट ने बताया कि विद्यालय में हर साल तमाम छोटे-बड़े निर्माण कार्य हुए हैं परन्तु उनकी गुणवत्ता पर ध्यान देने की किसी ने जहमत नहीं उठाई।
जिस कारण वे सभी निर्माण कार्य सिर्फ और सिर्फ पैसा कमाने तक ही सीमित रह गए और बताया कि पिछले सालों में 65 लाख की लागत से रमसा के तहत निर्मित भवन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ कर उसकी छत जगह-जगह बरसात में टपक रही है जिस कारण उस भवन में कक्षाएं संचालित नहीं हो पा रही है।
इसी तरह विद्यालय का मुख्य भवन का छत भी हमेशा बारिश के दौरान टपकता रहता है। कहा कि हर साल इस भवन के छत पर सीमेंट का टल्ला लगाकर बजट ठिकाने लगाये जाते रहे हैं और आजकल भी छत को फिर से खोदकर उसके ऊपर सीमेंट का टल्ला लगाने का काम चल रहा है। जो कि पुनः फिर से समस्या उत्पन्न करेगा। इसलिए एक बार में पूरी छत तोड़कर नये सिरे से नयीं छत डाली जानी चाहिए।इस अवसर पर योगेश चन्द्र पांडे,डीएल शाह, हेमलता बिष्ट,रेखा दानू, अनुराधा राणा आदि शिक्षक-शिक्षिकाएं मौजूद थे।
रिपोर्ट – सुरेन्द्र धनेत्रा