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राजाजी टाइगर रिजर्व के एक मार्ग पर मेहरबानी

Dehradun: राजाजी टाइगर रिजर्व के कोर जोन में स्थित कौड़िया- किमसार- गंगाभोगपुर वन मोटर मार्ग वन विभाग से लेकर शासन स्तर से खूब मेहरबानी हुई है। 11 किमी मार्ग को तैयार करने के लिए 10 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया। वहीं, अगर राजाजी टाइगर रिजर्व के वन मोटर मार्ग, अश्व मार्ग जिनकी लंबाई 165 किमी है, उनके अनुरक्षण के लिए महज 41 लाख जारी किए गए।

यही नहीं पहले लोनिवि ने इसका प्रतिवेदन भेजा था, उसकी लंबाई पांच किमी मानी थी और डामरीकरण की बात कही थी। बाद में मार्ग की लंबाई बढ़ने के साथ डामरीकरण की जगह इंटरलाकिंग की योजना हो गई। बरसात के समय खासकर पक्के व कच्चे वन मोटर मार्ग, पैदल वन मार्ग क्षतिग्रस्त होते हैं। इन मार्गाें के अनुरक्षण काम का आवश्यकतानुसार हर साल करने की प्रक्रिया होती है।

चर्चाओं में सरकारी सिस्टम की दरियादिली
अगर राजाजी टाइगर रिजर्व की बात करें तो यहां पर कोर जोन में कौड़िया- किमसार- गंगाभोगपुर वन मोटर मार्ग है, 11 किमी से अधिक लंबे इस मार्ग को लेकर सरकारी सिस्टम की दरियादिली चर्चाओं और सवालों में है।

इस पांच किमी लंबे मार्ग के सुदृढ़ीकरण के लिए पिछले वित्तीय वर्ष 2023-2024 में करीब साढ़े दस करोड़ स्वीकृत होने के साथ ढाई करोड़ अवमुक्त करने का आदेश भी हो गया। जबकि राजाजी टाइगर रिजर्व के अन्य 165 किमी मार्गाें की ऐसी किस्मत नहीं थी, उनके अनुरक्षण के लिए 41 लाख ही जारी हो सके। यही नहीं इस मार्ग के लिए राशि देने के लिए वृहद मद का सहारा लिया गया। 

कोर जोन में क्रश बैरियर लगेंगे और पैरापिट का निर्माण होगा
इस मार्ग पर अन्य निर्माण कार्य होंगे। मसलन पैरापिट का निर्माण प्रस्तावित किया गया। इसके अलावा क्रश बैरियर भी लगाया जाएगा। सवाल है कि इनसे वन्यजीवों का मूवमेंट प्रभावित नहीं होगा? इसके अलावा पक्की केसी ड्रेन व पक्के स्कपर का निर्माण होगा। इसके अलावा प्रतिधारक दीवार, गेबियन का निर्माण की बात है। साइन बोर्ड भी लगाए जाएंगे। जबकि वन विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में वर्ष-2023 में एक हलफनामा दिया था। इसमें राजाजी टाइगर रिजर्व, कार्बेट टाइगर रिजर्व आदि में कौन से काम करने हैं, उसकी सूची दी थी। इसमें राजाजी टाइगर रिजर्व में 12 कामों की सूची दी गई थी, इसमें कौड़िया- किमसार- गंगाभोगपुर वन मोटर मार्ग सुद़ृढ़ीकरण का जिक्र नहीं है।

लंबाई से काम के तरीके हुआ बदलाव
लोक निर्माण विभाग के निर्माण खंड दुग्गडा ने प्रस्ताव बनाया था, उसमें संबंधित मार्ग की लंबाई पांच किमी बताई गई और डामरीकरण किए जाने का उल्लेख था, बाद में पूरी योजना पर यू टर्न आ गया। अब इसकी लंबाई 11 किमी से अधिक हो गई, इसमें इसमें इंटरलाकिंग टाइल्स का काम होगा। इस मार्ग को तैयार करने की योजना है, उस मार्ग का इस्तेमाल पार्क से सटे आबादी क्षेत्र के लोग भी करते हैं।
प्रदेश के वन मार्गाें के अनुरक्षण के लिए साढ़े सात करोड़
वन विभाग ने पूरे राज्य में वित्तीय वर्ष 2023-24 में वन मार्ग, अश्व मार्ग पुल के वृहद व लघु निर्माण से लेकर अनुरक्षण के लिए साढ़े सात करोड़ जारी किए। इस साल राजाजी टाइगर रिजर्व ने वृहद मद में 66 लाख मिले थे,जो खर्च ही नहीं हो सके। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 16 करोड़ जारी हुए।
चौरासी कुटी के लिए एनटीसीए को भेजा पत्र, मार्ग के नहीं
देहरादून। वन विभाग ने राजाजी टाइगर रिजर्व के अंतर्गत चौरासी कुटी से जुड़े कार्य के लिए नेशनल टाइगर कंजरवेशन अथारिटी को पत्र भेजा है। जबकि कोर जोन में होने वाले इस सड़क सुधारीकरण के काम में जिसमें करोड़ों रुपये व्यय होने हैं और दूसरी संस्था काम करेगी, उस कार्य के लिए एनटीसीए से अनुमति मांगने से लेकर सूचित करने की प्रक्रिया नहीं की गई है। यहां पर नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड से अनुमति मांगी गई है, यह अनुमति भी अगस्त-2023 में मिली थी।
क्या कहते हैं अधिकारी
प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव रंजन मिश्रा कहते हैं कि सड़क पुरानी है, इसके अनुरक्षण का काम होना है। इसके लिए नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड से अनुमति प्राप्त कर जा चुकी है। राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक कोको रोसे कहते हैं कि मैनेजमेंट प्लान में मार्ग का उल्लेख है, इसका सुधारीकरण होगा। कोर्ट ने कहा कि कोई गलत निर्माण न हो।
यह कार्य जनहित में हो रहा है। रही बात क्रश बैरियर की तो वन्यजीवों के लिए उसमें स्थान छोड़ा जाएगा। चौरासी कुटी के लिए एनटीसीए से अनुमति नहीं मांगी है बल्कि सूचित किया गया है। लोनिवि अधिशासी अभियंता निर्भय सिंह कहते हैं कि पहले प्रस्ताव में कुछ त्रुटि थी। वर्तमान में 11 किमी से अधिक मार्ग को इंटरलाकिंग के माध्यम से तैयार किया जाएगा।

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