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पीएमजीएसवाई के घटिया सड़क निर्माण से ग्राम डांगतोली ग्रामीणों के आशियाने उजड़ रहे है

स्थानीय संपादक / नारायणबगड़ चमोली। पीएमजीएसवाई के घटिया सड़क निर्माण के कारण डांगतोली के ग्रामीणों के आशियाना उजड़ गए हैं। एक महीने के करीब प्रभावितों ने दूसरों के घरों में शरण ले रखी है।

पहाड़ों में प्रधानमंत्री के सपनों की सड़कें किस कदर बन रही है इसकी बानगी देखनी हो तो चले जाइए पिंडर घाटी के नारायणबगड़ प्रखंड में। दर्जनों गांवों को जोड़ने वाले नव निर्मित अथवा निर्माणाधीन मींग गधेरा-डांगतोली मोटर मार्ग की। यहां पहुंच कर आप पीएमजीएसवाई के इंजीनियरों की नायाब कहें या घटिया कार्य कौशल को नजदीक से देख पाएंगे।

यह सड़क पिछले महीने दो दिनों 17-18 अक्टूबर की बारिश भी नहीं सह पाई।आप इस सड़क पर चलेंगे तो पायेंगे कि एक कीलोमीटर सड़क भी सुरक्षित नहीं बची हुई हैं। जगह-जगह सड़क के पुस्ते ढह चुके हैं। लोगों के खेत खलिहान,रास्ते,पेयजल,आवासीय मकान इस सड़क के घटिया निर्माण के कारण ध्वस्त हो कर रह गए हैं। इस तरह हम पाते हैं कि सरकारी धन को किस कदर बंदरबांट कर सड़क निर्माण की गुणवत्ता को ताक पर रखा गया है। अब यहां के लोग सड़क निर्माण पर हुए घटिया कार्यो की मजिस्ट्रेरियल जांच कराने की सुगबुगाहट करने लगे हैं। दरअसल द्वितीय चरण के सड़क निर्माण में दून एसोसिएट कंस्ट्रक्शन कंपनी के द्वारा बेहद खराब निर्माण किए गए हैं जो जांच के विषय तो हैं ही।

असल बात पर आते हैं पिछले अक्टूबर महीने में हुई दो दिनों की बारिश के दरमियान डांगतोली ग्राम पंचायत के खिला तोक में लोगों के आवासीय मकान, गौशालाओं तथा खेत खलिहानों के ऊपर से बनाई गई सड़क किनारे के बायरक्रेट,पुस्तों के ढह जाने के कारण भारी मलवा पत्थरों से दब गए थे। आनन्द सिंह,दुर्गा सिंह, बिक्रम सिंह, कुन्दन सिंह,हरेंद्र सिंह आदि लोगों ने बताया कि तब वे आनन फानन में वहां से बच्चों सहित भागकर जान बचाने में सफल हो सके थे और गांव में दूसरों के मकान में शरण लिए हुए हैं। बताया कि उन्होंने इस घटना की सूचना जब पीएमजीएसवाई को दी तो उनके अधिकारियों ने मौका मुआयना कर कहा कि भूगर्भीय सर्वेक्षण करवाया जायेगा। लेकिन लोग बताते हैं कि यहां पर वे इतने वर्षों से यह रहें हैं और भूस्खलन जैसी कोई बात ही नहीं है।

ग्रामीणों ने पीएमजीएसवाई पर आरोप लगाया कि संस्थान निर्माण दायी संस्थाओं के घटिया निर्माण को छिपाने के कारण भू-गर्भीय आपदा का बहाना बना रहा है। जबकि उनकी संपत्तियों पर सड़क के बेतरतीब निर्माण कर बनाये गये बायरक्रैट,पुस्तों के टूटने से हजारों टन मिट्टी पत्थर से दब गए हैं और विभाग ठेकेदारों को बचाने के लिए इस घटना को देवीय आपदा बताने की कोशिश कर रहा है जबकि सड़क के खराब निर्माण से उनको नुकसान पहुंचा है।

पीएमजीएसवाई के एई सचिन कुमार,एई नीरज कांडपाल आदि ने मौके पर कहा कि मामला देवीय आपदा का है और ग्रामीणों से दस दिन का समय लिखित में मांगा गया है कि भूगर्भीय वैज्ञानिक बुलाकर इसकी जांच कराई जाएगी। परंतु प्रभावित ग्रामीण कहते हैं कि दस दिनों के बाद यहां पर विभाग के एई और जेई तो आये परंतु कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो सका। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि उनको पीएमजीएसवाई की तरफ से जल्दी ही न्याय नहीं मिला तो वे लोग परिवार, बच्चों सहित तहसील में धरना प्रदर्शन करने के लिए विवश हो जायेंगे।

रिपोर्ट – सुरेन्द्र धनेत्रा

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