भारत का सबसे लंबा 341 किलोमीटर पूर्वांचल एक्सप्रेस वे खोलेगा तरक्की की नई राह—शंभूनाथ गौतम
उत्तर प्रदेश डेस्क। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्यप्रदेश भोपाल के रानी कमलापति (हबीबगंज) विश्व स्तरीय रेलवे स्टेशन का लोकार्पण कर देश को सौगात दी थी। आज एक बार फिर सड़क मार्ग से यातायात की दृष्टि से बड़ी उपलब्धि मिलने जा रही है। बहुप्रतीक्षित उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे आज से वाहन सवार फर्राटा भरने लगेंगे। इसके साथ यह देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस वे भी बन जाएगा । आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्वांचल एक्सप्रेस वे देश को सौंपेंगे। 341 किलोमीटर लंबे इस पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को बनाने में कुल 36 महीने लगे, जबकि इसमें कुल लागत 22,500 करोड़ रुपये की बताई जा रही है। इसका उद्घाटन करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी खुद हर्कुलस विमान से इसी पूर्वांचल एक्सप्रेस के बीच बनी हवाई पट्टी पर उतरेंगे।
पीएम मोदी के एक्सप्रेस वे का उद्घाटन करने के बाद इस एयर शो में मिराज-2000, सुखोई-30 और जगुआर विमान हिस्सा लेंगे। यह सड़क मार्ग पूर्वांचल में विकास के द्वार खोलेगा। ये एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के 9 शहरों से होकर गुजरेगा। इनमें लखनऊ, बाराबंकी, अयोध्या, अम्बेडकर नगर, अमेठी, सुल्तानपुर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर शामिल हैं। इस एक्सप्रेस-वे की वजह से वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज जैसे जिलों को भी फायदा होगा। उत्तर प्रदेश और बिहार दोनों की राह और आसान होगी। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से की राजधानी लखनऊ से कनेक्टिविटी बेहतर हो जाएगी। करीब 341 किलोमीटर लंबा ये एक्सप्रेस-वे लखनऊ से शुरू होकर गाजीपुर में खत्म होगा।
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को लेकर भाजपा और सपा में सियासी टकराव–
बता दें कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को लेकर भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच सियासी टकराव बढ़ गया है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के उद्घाटन के पहले सोमवार को दावा किया कि यह पूर्वांचल एक्सप्रेस उनकी सोच का नतीजा है और उन्होंने इसका शिलान्यास किया था। उन्होंने अपने मुख्यमंत्री काल की एक फोटो भी ट्वीट की है। उसमें यह दिखाया गया है कि वह इसका शिलान्यास कर रहे हैं। दूसरी ओर अखिलेश यादव के दावे को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नकार दिया है।
भाजपा और सपा के लिए सियासी दृष्टि से पूर्वांचल क्षेत्र क्यों महत्वपूर्ण है, आइए जानते हैं। प्रदेश के पूर्वांचल में 164 विधानसभा की सीटें हैं, प्रदेश की कुल सीटों में 33 प्रतिशत हिस्सा पूर्वांचल का है। ये वही क्षेत्र है जो एक जमाने में समाजवादी पार्टी और बीएसपी का गढ़ था। लेकिन 2014 के बाद से इस पूरे इलाके में भारतीय जनता पार्टी ने अपने संगठन को बूथ-बूथ तक मजबूत किया है। 2014 में केंद्र की सत्ता संभालने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी के पूर्वांचल पर अपना विशेष फोकस किया है। पीएम मोदी खुद भी वाराणसी से दूसरी बार सांसद हैं। आने वाले कुछ महीने में विधानसभा के चुनाव में योगी सरकार इस पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को भी अपनी उपलब्धियों में शामिल करने जा रही है।
देश में दो लंबे एक्सप्रेस वे का निर्माण भी तेजी के साथ किया जा रहा है–
अगर हम हाल के वर्षों की बात करें तो देश ने सड़क और रेल मार्ग की दृष्टि से काफी तरक्की की है। एक्सप्रेस वे के साथ कई हाईवे और राष्ट्रीय राजमार्ग मार्गों का तेजी से निर्माण हुआ है। देश में कई एक्सप्रेस-वे का निर्माण भी हो रहा है। बता दें कि आगरा, लखनऊ एक्सप्रेस-वे इस वक्त यूपी का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे है। ये 302 किलोमीटर लंबा है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे शुरू होने पर राज्य का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे बन जाएगा। जो आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से करीब 39 किलोमीटर ज्यादा लंबा होगा।
ऐसे ही दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे को तो सरकार दुनिया का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे बताती है। उम्मीद है कि 1380 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस-वे का काम मार्च 2023 तक पूरा हो सकता है। 2024 तक मेरठ से प्रयागराज तक बन रहा गंगा एक्सप्रेस-वे बनकर तैयार होगा। जो 594 किलोमीटर लंबा होगा। इसके अलावा उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से दिल्ली तक भी एक्सप्रेस-वे का निर्माण तेजी साथ किया जा रहा है। ऐसे ही राजधानी दिल्ली से जयपुर तक एक्सप्रेस वे बनाया जा रहा है।
- शंभूनाथ गौतम